धाकड़ EXCLUSIVE में बात जम्मू कश्मीर के बैंक में लूट की। बैंक को लूटने वाले ये लुटेरे राजनीति और बिजनेस से ताल्लुक रखते हैं। जम्मू-कश्मीर बैंक में करीब 748 अवैध नियुक्तियां की गईं। कश्मीर की एक खास पार्टी के राज में ये नियुक्तियां हुईं। पार्टी के कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को नौकरी दी गई। 748 नियुक्तियों में करीब 60% राजनीतिक नियुक्तियां हुई।
इसके अलावा श्रीनगर के एक सीनियर पू्र्व सरकारी अधिकारी पर जम्मू-कश्मीर बैंक से फ्रॉड करने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक ये अधिकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के इशारे पर काम करता था। ऐसे सबूत मिले हैं कि इस अधिकारी के पाकिस्तान की एजेंसियों से सीधे संबंध थे। भारतीय एजेंसियों के पास इस बात का भी सबूत मौजूद है कि इस अधिकारी ने जनरल परवेज मुशर्रफ से विदेश में मुलाकात की थी। खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि ये अधिकारी पाकिस्तान के एजेंट के रूप में कश्मीर में काम करता था। इस अधिकारी पर J&K बैंक से वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप है। आरोप है कि इसने J&K बैंक से लोन लेकर पैसों को डायवर्ट किया, बैंक से लिए गए 100 करोड़ रुपयों से उसने दुबई में प्रॉपर्टी खरीदी। भारतीय एजेंसियां इस अधिकारी के खिलाफ जांच कर रही हैं।
जम्मू-कश्मीर बैंक ने अमन हॉस्पिटैलिटी को 272 करोड़ रुपए का लोन दिया। उसके बाद जान-बूझकर उसे NPA होने दिया गया। Aman hospitality की तरफ से दिल्ली में 800 करोड़ रुपए की लागत से होटल बनाने के लिए 6 राष्ट्रीयकृत बैंकों से समझौता किया गया...उसमें से जम्मू कश्मीर बैंक ने लीड बैंक के तौर पर सबसे अधिक 272 करोड़ रुपए का लोन दिया। ये लोन दिल्ली की असंल प्लाजा बैंक की ब्रांच से जारी हुआ था। इस मामले में किसी राजनीतिक दखलअंदाजी के सबूत नहीं मिले हैं। ये मामला सीधा सीधा बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी का है। ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का संज्ञान लिया और कार्रवाई की है। अगर इस मामले को CBI को सौंपा जाता है तो उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के कुछ राजनीतिक और प्रशासनिक नाम सामने आ सकते हैं।
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