आमची मुंबई ना कभी सोती है ना कभी रूकती है, उसी मुंबई की रफ्तार साल 2020 के अक्टूबर महीने की 12 तारीख को थम सी गई थी और ऐतिहासिक बिजली गुल हुआ था, मुंबई में एक ग्रिड ठप होने से बिजली गुल हो गई थी इससे मुंबई की लाइफ लाइन मानी जाने वाली तमाम लोकल ट्रेनें भी रास्तें में ही रूक गईं थीं और तमाम गतिविधियां भी प्रभावित हुईं थीं साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर भारी प्रभाव पड़ा था, बताते हैं कि इस संकट से उबरने और आवश्यक सेवाओं के लिए बिजली आपूर्ति बहाल में तकरीबन दो घंटे लग गए थे इस दौरान भारी अफरा तफरी मची रही थी।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुंबई में हुए उस पावर आउटेज की वजह चीनी हैकर्स की तरफ से किया गया साइबर अटैक हो सकता है।
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच कराई थी, वहीं अब इस बिजली गुल (Power Cut) को लेकर हाल ही में अमेरिकी अखबार की खबर में ये दावा किया गया कि वो पावर कट एक साइबर अटैक था, जो चीन ने कराया था।
राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने साइबर विभाग से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है वहीं बिजली मंत्रालय ने बताया कि 19 नवंबर को कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम यानी सीईआरटी से प्राप्त मेल को देशभर के बिजली आपूर्ति केंद्रों को भेज दिया गया था।
बताया जा रहा है कि चीन ने भारत की बिजली आपूर्ति ठप करने के लिए शेडो पैड नाम का मालवेयर वायरस तैयार किया था और इसे बिजली आपूर्ति सिस्टम में घुसाकर बिजली आपूर्ति ठप करने की साजिश थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद चीन के मालवेयर भारत में बिजली की आपूर्ति करने वाले सिस्टम में घुसने लगे इसमें बताया गया कि चीनी हैकर्स ने अक्टूबर महीने में भारत के पॉवर ग्रिड, आईटी कंपनियों पर कई बार साइबर अटैक किया था।
ऑनलाइन खतरे का आकलन करने वाली कंपनी 'रिकॉर्डेड फ्यूचर' ने ऑनलाइन सेंधमारी से संबंधित रिपोर्ट के बारे में अवगत कराया था।
महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत ने बताया कि इसकी जांच के लिए तीन कमेटी बनाई गई थी अब इस बारे में आई मीडिया रिपोर्ट सही लग रही है। इस बारे में साइबर सेल राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
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