भोपाल: कांग्रेस छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को अपने पूर्व पार्टी सहयोगी पर तंज कसा। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया कि भगवान उन्हें बीजेपी में सुरक्षित रखें। मैं सिंधिया को बीजेपी में सुरक्षित रखने के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं। इससे पहले, सिंह ने इस आरोप का खंडन किया कि सिंधिया को कांग्रेस पार्टी में महत्व नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने हमेशा माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सम्मान दिया है। यहां तक कि राहुल गांधी ने कहा कि सिंधिया के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले थे।
इस बीच, सिंधिया का भव्य पैमाने पर स्वागत करने के लिए बीजेपी के भोपाल कार्यालय में तैयारियां शुरू हैं। पार्टी में सिंधिया के स्वागत के लिए भोपाल में पोस्टर, बैनर लगाए गए हैं। बुधवार को सिंधिया पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो गए।
'कांग्रेस ने सिंधिया को क्या नहीं दिया'
दिग्विजय ने कहा कि यह गलती हमसे हुई कि हम यह नहीं समझ पाए कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया। चार बार सांसद बनाया, दो बार केंद्रीय मंत्री बनाया और कार्य समिति का सदस्य बनाया। उन्होंने यह दावा भी किया कि जब प्रदेश बीजेपी के नेता कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने में विफल रहे तब अमित शाह ने सिंधिया को इस काम में लगाया। सिंधिया को बीजेपी में शामिल कराने का षड्यंत्र तीन महीने से चल रहा था।
कांग्रेस के 22 विधायकों ने दिया इस्तीफा
उधर मध्य प्रदेश की सियासी उठापठक दिग्विजय सिंह ने कहा कि विधानसभा में कमलनाथ सरकार के बहुमत साबित कर देंगे। 22 बागी विधायकों में 13 ने कांग्रेस नहीं छोड़ने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि ये 22 विधायक कांग्रेस के हैं। हम इनके परिवारों के संपर्क में हैं। हम चुप नहीं बैठे हैं, हम सो नहीं रहे हैं। 10 विधायक और दो-तीन मंत्री कह रहे हैं कि वो कांग्रेस से अलग नहीं होंगे। गौर हो कि सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।
वर्तमान में विधानसभा की स्थिति
सिंधिया के समर्थक विधायकों के मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफे से मध्य प्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली सरकार अल्पमत में आ गई है। राज्य में कांग्रेस सरकार 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुत कम बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। वर्तमान में विधानसभा 228 सदस्य हैं। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को 4 निर्दलीय विधायकों, 2 बीएसपी विधायकों और 1 सपा विधायक का भी समर्थन हासिल है।
ऐसे बनेगी बीजेपी की सरकार
अगर 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं तो विधानसभा की प्रभावी संख्या कम होकर 206 हो जाएगी। कांग्रेस के पास अपने दम पर 92 सीटें रह जाएंगी जबकि बीजेपी के पास 107 सीटें हैं और बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 104 होगा।
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