मोदी सरकार पर दिग्विजय सिंह का निशाना, नौकरियां हैं कहां? किसे है यंग इंडिया का ख्याल?

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भाषा
Updated Feb 07, 2022 | 20:03 IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आए थे, लेकिन पिछले सात साल में 14 करोड़ नए रोजगार देना तो दूर, पहले से रोजगार कर रहे करोड़ों लोगों की नौकरियां खत्म हो गईं।

Digvijay Singh's target on Modi government, says where are the jobs? Who cares about Young India?
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह 

लखनऊ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार देश की युवा आबादी को जनसांख्यिकीय लाभ के बजाय आपदा में तब्दील करने में जुटी है। सिंह ने युवा बेरोजगारी के मुद्दे पर एक पुस्तिका जारी करते हुए कहा कि अच्छे दिन नौकरी बिन! नौकरियां हैं कहां? किसे है यंग इंडिया का ख्याल? भारत की औसत आयु 28 वर्ष है। हम दुनिया के सबसे युवा देशों में शामिल हैं। पर मोदी सरकार इस डेमोग्राफिक डिवीडेंड को डेमोग्राफिक डिजास्टर में बदलने में जुटी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के युवाओं की आंख पर पट्टिया बांधकर उन्हें भेड़-बकरियों की तरह बड़ा करना चाहते हैं। क्योंकि पढ़ा-लिखा, प्रतिभाशाली, रोजगार मांगने वाला, तरक्की की सोचने वाला, सवाल पूछने वाला युवा वर्ग भाजपा और संघ परिवार के एजेंडे के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा युवाओं को शिक्षा और रोजगार देने के बजाय भेदभाव और हिंसा सिखाने, उनके मन में नफरत भरने पर सारी ताकत लगाती है, ताकि वे ना सवाल पूछें, न रोजगार मांगें, न भविष्य की बात करें और न ही सरकार की नीतियों का आकलन करें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आए थे, लेकिन पिछले सात साल में 14 करोड़ नए रोजगार देना तो दूर, पहले से रोजगार कर रहे करोड़ों लोगों की नौकरियां खत्म हो गईं। भारत को साल 2028 तक 34.35 करोड़ नए रोजगार पैदा करने होंगे, यानि हर साल तीन से चार करोड़ नई नौकरियां देनी होंगी, लेकिन भाजपा सरकार की मौजूदा गति को देखकर लगता है कि इतनी संख्या में रोजगार सृजन में 1,560 साल का समय लगेगा।

सिंह ने कुछ आंकड़े पेश करते हुए कहा कि एक जनवरी 2022 को देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.9 प्रतिशत हो गई यहां तक कि शहरों में बेरोजगारी दर का आंकड़ा भी 10 प्रतिशत को पार कर गया। कोरोना काल से पहले ही साल 2017-18 में बेरोजगारी दर बढ़कर 6.1 फीसद हो गई थी, जो साल 2019 की एनएसएसओ की रिपोर्ट के मुताबिक 45 साल में सबसे अधिक थी। चिंता की बात यह है कि 20-29 साल के युवा लोगों में बेरोजगारी की दर 28 फीसद है। युवा जितना ज्यादा पढ़ा-लिखा है, उतना ज्यादा बेरोजगार है।

उन्होंने आरोप लगाया कि छात्रों और युवाओं की आलोचना की आवाज को दबाने के लिए मोदी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। आज कॉलेज से विश्वविद्यालयों तक चारों ओर भय, उत्पीड़न, दमन व दबाव का माहौल है। भाजपा के छात्र संगठन एक विशेष तरह के गुंडावाद व जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।

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