भोपाल : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुस्लिम आबादी को लेकर दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा और कहा कि उसकी कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस देश में मुसलमानों की आबादी कभी इस कदर नहीं बढ़ सकती कि हिन्दू अल्पसंख्यक हो जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसी बातों का दुष्प्रचार कर लोगों को बरगलाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने संघ को खुली बहस की चुनौती भी दी।
दिग्विजय सिंह ने देश में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की प्रजनन दर में गिरावट का दावा करते हुए यह भी कहा कि इस तरह का दुष्प्रचार गलत है कि बहुविवाह के जरिये आबादी बढ़ाने की कोशिश हो रही है और अगले 10 साल में मुसलमान बहुसंख्यक हो जाएंगे, जबकि हिंदू अल्पसंख्यक रह जाएंगे। कांग्रेस नेता इस मसले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से लेकर संघ के प्रचारक तक को सार्वजनिक बहस की खुली चुनौती देते हुए कहा कि वह अपनी बात को साबित कर देंगे।
कांग्रेस नेता इंदौर में आयोजित 'साम्प्रदायिक सद्भाव सम्मेलन' में बोल रहे थे, जब उन्होंने कहा कि महंगाई के इस जमाने में किसी भी आम शौहर के लिए एक बीवी और उससे जन्मे बच्चों को पालन-पोषण ही मुश्किल हो रहा है तो ऐसे में भला कौन चार बीवियां और उनसे जन्मे बच्चे को पालने की जहमत उठा सकता है? उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रिटिश हुकूमत की 'फूट डालो, राज करो' की नीति की तरह ही देश में झूठ व भ्रम फैलाकर हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने की कोशिश हो रही है।
संघ की तुलना रावण से करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस तरह रावण के 10 सिर व मुंह थे और उससे अलग-अलग बातें होती थीं, उसी तरह का हाल संघ और बीजेपी का भी है। संघ के कार्यकर्ता एक तरफ जहर उगलते हैं तो दूसरी तरफ आरएसएस प्रमुख कहते हैं कि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है, तो सांप्रदायिक नफरत क्यों फैलाई जाती है? लव जिहाद जैसे मुद्दे क्यों उठाए जाते हैं?
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