नई दिल्ली। शुक्रवार को राज्यसभा में सामान्य दिनों की तरह कामकाज जारी था। लेकिन एक ऐसा वाक्या सामने आया जिसके बाद हर कोई हैरान था। ममता बनर्जी के विशवस्त रहे दिनेश त्रिवेदी ने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति को सौंपा दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा एक तरह से इतने वर्षों से घुटन थी और अब वो आजाद हो चुके हैं।
बीजेपी में शामिल होने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं
दिनेश त्रिवेदी ने अपने पीड़ा और अपने कदम को Times Now के साथ साझा की। जब उनसे खास सवाल पूछा गया कि क्या वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बीजेपी के दरवाजे तो उनके लिए हमेशा से खुले रहे हैं। जहां तक बीजेपी में शामिल होने का सवाल है तो उसके लिए किसी से परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।
जिसे राजनीति नहीं आती वो नेता कैसे बन सकता है
उन्होंने कहा कि जिनको राजनीति की ए बी सी डी नहीं आती वो उनका नेता कैसे बन सकता है। पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा उनके नेतृत्व क्षमता की तो पूरी दुनिया कायल है। उनके लिए राष्ट्र विकास ही सर्वोपरि है। पीएम मोदी से उनका नाता 90 के दशक से रहा है। जहां तक इस्तीफे की बात है तो वो अब खुद से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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