नई दिल्ली : कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर कितना प्रभाव पड़ेगा, इस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बड़ा बयान दिया है। डॉ. गुलेरिया ने मंगलवार को कहा कि ऐसा कोई भी डाटा उपलब्ध नहीं है जो यह बताए कि कोरोना संक्रमण से बच्चे ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं। एम्स के निदेशक ने कहा कि यहां तक कि महामारी की दूसरी लहर में ऐसे बच्चे बीमार पड़े जिन्हें हल्की बीमारी अथवा अन्य परेशानियां थीं। गुलेरिया ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भविष्य में बच्चों में संक्रमण का गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।
ऐसा कोई डाटा नहीं जो यह बताए कि बच्चे ज्यादा बीमार पड़े
गुलेरिया ने कहा, 'कोरोना महामारी की गिरफ्त में बच्चे ज्यादा आ रहे हैं, यह बताने वाला देश अथवा दुनिया में कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर में जो बच्चे बीमार पड़े उनमें कोई हल्की बीमारी या अन्य परेशानियां पहले से थीं। मुझे नहीं लगता कि भविष्य में कोरोना से बच्चों में संक्रमण का बड़ा खतरा पैदा होगा।'
एक दिन के उच्च स्तर में कमी आई
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 86,498 केस मिले। यह एक दिन के संक्रमण के उच्च स्तर में करीब 79 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले सप्ताह कोरोना संक्रमण के जितने मामले सामने आए उसमें 33 प्रतिशत की कमी आई है।
कंपनियां करेंगी वैक्सीन की कीमत का फैसला
वहीं, नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने कहा, 'प्राइवेट अस्पताल कोरोना की वैक्सीन कितने में बेचेंगे, इसका फैसला वैक्सीन का बनाने वाली कंपनी करेगी। राज्य निजी अस्पतालों की ओर से लगाए जाने वाले टीकों की संख्या पर भी नजर रखेंगे। इससे पता लगा कि राज्य को और कितने टीकों की जरूरत है।'
कोविशील्ड के 25 करोड़ डोज खरीदेगी सरकार
उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार ने कोविशील्ड के 25 करोड़ डोज और कोवाक्सिन के 19 करोड़ डोज खरीदने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार बॉयोलाजिकल ई वैक्सीन के 30 करोड़ डोज खरीदने का फैसला किया है। सरकार के पास वैक्सीन की डोज सितंबर तक उपलब्ध हो जाएगी।'
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