नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की कोविड-19 रोधी दवा 2 डीजी की कीमत तय कर दी गई है। हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी प्रयोगशाला ने 2 डीजी के प्रत्येक सैशे की कीमत 990 रुपए रखी है। सरकार के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल, केंद्र एवं राज्य सरकारों को यह दवा छूट के साथ उपलब्ध कराई जाएगी। डीआरडीओ की यह दवा कोरोना मरीजों के इलाज में काफी कारगर पाई गई है। ओआरएस घोल की तरह यह दवा भी पैकेट में उपलब्ध होगी जिसे पानी में घोलकर पीया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने अपने परीक्षणों में पाया है कि यह दवा कोरोना मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करती है।
जून से बड़े पैमाने पर होगा दवा का उत्पादन
डॉ. रेड्डी के लैब ने गुरुवार को 2 डीजी दवा की दूसरी खेप जारी की। दवा का बड़े पैमाने पर उत्पादन जून के पहले सप्ताह से होगा। यह दवा डॉक्टरों के नुस्खे पर उपलब्ध होगी। रक्षा मंत्रालय ने इस दवा की पहली खेप गत 17 मई को जारी किया। दवा के लॉन्च होने के बाद से लोगों की उत्सुकता इसके बारे में बनी हुई है। डीआरडीओ के पास इस दवा के लिए कोरोना पीड़ित परिवार के अनुरोध बार-बार पहुंच रहे हैं।
'2 डीजी' उम्मीदों की एक किरण-राजनाथ सिंह
इस दवा को लॉन्च करते समय राजनाथ सिंह ने कहा कि '2 डीजी' आशा और उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। यह दवा हमारे देश के वैज्ञानिकों की वैज्ञानिक क्षमता की एक मिसाल है। रक्षा मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में अपने एक बयान में कहा, 'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंसेज (INMAS) ने हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डी की प्रयोगशाला (DRL) के साथ मिलकर इस 2 डीजी दवा को विकसित किया है।'
पाउडर के रूप में है यह दवा
डीआरडीओ का कहना है कि 2 डीजी दवा का उत्पादन भारत में आसानी से और प्रचुर मात्रा में हो सकता है। क्योंकि इस दवा को बनाने में ज्यादा जटिलताएं नहीं हैं। पाउडर के रूप में होने के कारण यह आसानी से पानी में घुल जाती है। इसके बाद इसे पीना आसान है। डीआरडीओ के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर एवं 2 डीजी के वैज्ञानिक डॉ. सुधीर चंदना के मुताबिक इस दवा को पांच से सात दिनों तक दिन में दो बार लिया जा सकता। फिर भी इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
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