दुश्मन के सामने गए बिना भी उसे ढेर करने की तैयारी, हथियार बनाने में जुटा DRDO

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श्वेता सिंह
श्वेता सिंह | सीनियर असिस्टेंट प्रोड्यूसर
Updated Sep 15, 2020 | 10:10 IST

DRDO ready to make DEWs : घर में बैठे-बैठे दुश्मन पर हथियार दागने के लिए भारत कर रहा है तैयारी। DRDO डायरेक्‍टेड एनर्जी हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है।  

Leathal Weapons:दुश्मन के सामने गए बिना भी उसे ढेर करने की तैयारी, हथियार बनाने में जुटा DRDO
हॉलीवुड दिखाए जाने वाले हथियारों को बनाने की तैयारी में डीआरडीओ 
मुख्य बातें
  • इलेक्ट्रॉनिक/मैग्नेटिक एनर्जी या सबएटॉमिक पार्टिकल की बौछार की जाती है 
  • कई ऐसे प्रोजेक्ट पर पहले से काम चल रहा है
  • DRDO डायरेक्‍टेड एनर्जी हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है 

नई दिल्ली। फिल्मों में लेजर लाइट वाले हथियार आपने बहुत देखे होंगे। बिना दुश्मन के सामने गए भी उसे मात देने की कूबत इन हथियारों में होती है। पहले की अपेक्षा अब पूरी दुनिया डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स की दीवानी हो रही है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें बिना दुश्मन के सामने गए भी दुश्मन को खत्म किया जा सकता है।  

 DRDO ऐसे हथियार बनाने की कर रहा है तैयारी  
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने भारत के माथे पर एक बार फिर से गौरव का तिलक लगाने की ठान ली है। DRDO डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स के लिए एक नेशनल प्रोग्राम चलाने की तैयारी में है। डीआरडीओ की कोशिश है कि घरेलू इंडस्ट्री के साथ मिलकर सौ किलोवाट क्षमता तक के डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स बनाए जा सकें।  

मुख्य बातें  

  1. इसमें इलेक्ट्रॉनिक/मग्नेटिक एनर्जी या सबएटॉमिक पार्टिकल की बौछार की जाती है 
  2. और भी कई ऐसे प्रोजेक्ट पर पहले से काम चल रहा है  
  3. DRDO डायरेक्‍टेड एनर्जी हथियार बनाने की तैयारी कर रहा है 

पहले से कई प्रोजेक्ट पर चल रहा है काम  
ये पहली बार नहीं है जब DRDO का ध्यान इस तरफ गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन पहले से कई DEW (डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स) प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। इसमें हाई पॉवर फाइबर लेसर से लेकर केमिकल ऑक्सीजन आयोडीन तक शामिल हैं।  

आखिर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स होते क्या हैं ? 
जिस हथियार से लड़ाई आपने अभी तक सिर्फ फिल्मों में देखी है आखिर वो है क्या। जिन हथियारों का उपयोग सेनाएं करती हैं, जिन्हें हम आमतौर पर परंपरागत हथियार कहते हैं, उनमें केमिकल एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है. इन हथियारों को मिसाइल की मदद से उड़ाया जाता है। जबकि इस नए हथियार में टारगेट पर इलेक्ट्रॉनिक/मग्नेटिक एनर्जी या सबएटॉमिक पार्टिकल की बौछार की जाती है।  

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