नई दिल्ली : सुपरसोनिक मिसाइल के क्षेत्र में भारत ने एक और छलांग लगाई है। भारत ने सोमवार को ओडिशा तट के ह्वीलर द्वीप से सुपरसोनिक असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (एसएमएआरटी) का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण के दौरान मिसाइल अपने सभी मानकों एवं अभियानगत प्रक्रियाओं पर खरी उतरी और निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेद दिया। इस सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
रक्षा मंत्री ने वैज्ञानिकों को दी बधाई
रक्षा मंत्री ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'डीआरडीओ ने सुपरसोनिक असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (एसएमएआरटी) का सफल परीक्षण किया है। एंटी सब-मरीन युद्ध में स्टैंड ऑफ क्षमता बनाने की दिशा में यह एक और महत्वपूर्ण तकनीक साबित होगी। मैं इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों एवं अन्य हितधारकों को बधाई देता हूं।'
एंटी सबमरीन वॉरफेयर क्षमता बढ़ी
टॉरपीडो के रेंज से बाहर एंटी सबमरीन वॉरफेयर (एएसडब्बल्यू) अभियान में यह मिसाइल काफी उपयोगी साबित होगी। मिसाइल के इस परीक्षण की निगरानी अलग-अलग तंत्रों (समुद्र स्थित पोतों, तट एवं टेलिमेट्री स्टेशनों) से की गई। इस महीन के शुरुआत में डीआरडीओ ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का परीक्षण एमबीटी अर्जुन टैंक से हुआ।
भारत कर रहा मिसाइलों का लगातार परीक्षण
चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत लगातार अपनी मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। गत शनिवार को भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली एवं परमाणु हथियारों को अपने साथ जे जान में सक्षम शौर्य मिसाइल के उन्नत संस्करण का परीक्षण किया। यह मिसाइल 800 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है। शौर्य का यह उन्नत संस्करण वजन में हल्का है और इसका संचालन पहले से आसान है।
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