मुंबई : मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इस मामले में जांच की आंच अब नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ जा पहुंची है। जबरन वसूली के आरोपों पर NCB के शीर्ष अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की है तो महाराष्ट्र सरकार भी इस मामले की जांच कर रही है। ऐसे में समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था, जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
समीर वानखेड़े ने अपने खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की जांच का विरोध करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध किया था। NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने मुंबई पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्तारी को लेकर भी आशंका जताई थी। इस पर कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वकील ने आश्वस्त किया कि अगर ऐसी स्थिति आती है तो उन्हें तीन पहले नोटिस दिया जाएगा।
बॉम्बे हाई कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा, 'जैसा कि यह मामला भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत है, अगर इस अधिनियम के तहत केस दर्ज होता है तो हम 72 घंटे पहले नोटिस देंगे।'
यहां उल्लेखनीय है कि मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में 'जबरन वसूली' का एंगल भी सामने आया है, जिसके बाद NCB के सतर्कता विभाग ने इसकी जांच का फैसला लिया। DDG ज्ञानेश्वर सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है। इस मामले में NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के साथ-साथ अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की गई है।
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