नई दिल्ली। करीब 950 करोड़ के चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव चार मामले में आरजेडीजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सजायाफ्ता हैं। उन्होंने दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये गबन के मामले में भी झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी। दुमका मामले में लालू को विशेष सीबीआई अदालत ने 14 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है और उक्त मामले में ही वह इस समय न्यायिक हिरासत में बंद हैं। दुमका मामले में उच्च न्यायालय से उनकी जमानत याचिका पहले खारिज भी हो चुकी है।
लालू को तीन केस में पहले ही मिल चुकी है जमानत
दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव को 9 अक्तूबर को चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से गबन के एक मामले में उच्च न्यायालय ने आधी सजा पूरी कर लेने के आधार पर जमानत दी थी। लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने ने दावा किया कि लालू यादव ने दुमका मामले में 42 माह जेल में पूरे कर लिये हैं जिसे देखते हुए आधी सजा पूरी कर लेने और लालू की बीमारियों के आधार पर न्यायालय से जमानत मांगी गयी है।
लालू प्रसाद यादव को इन मामलों में जमानत
चाईबासा के अलावा लालू को पूर्व में देवघर कोषागार से गबन और चाईबासा के एक अन्य मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है लेकिन दुमका कोषागार से गबन के मामले में उन्हें अब तक जमानत नहीं मिली थी जिसके चलते अभी वह न्यायिक हिरासत में ही हैं। अब यहां सवाल है कि अगर लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल जाती है कि आरजेडी के चुनावी अभियान पर क्या कुछ असर पड़ेगा। इस सवाल के जवाब में जानकार अलग अलग राय रखते हैं।
क्या कहते हैं जानकार
जानकार कहते हैं कि अगर दुमका केस में जमानत मिल गई तो यह देखने वाली बात होगी कि अदालत की तरफ से क्या कोई शर्त लगाई जाती है। अगर चुनावी प्रक्रिया से दूर रहने की हिदायत दी जाती है तो निश्चित तौर पर लालू यादव हिस्सा नहीं हो सकेंगे। लेकिन मनोवैज्ञानिक तौर पर आरजेडी को फायदा मिलेगा। वोट के तौर पर कितना वो परिवर्तित होगा उसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। बिहार की जनता यह बात जानती और समझती है कि लालू प्रसाद यादव को किस अपराध में जेल की सजा हुई थी।
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