नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज (शुक्रवार, 1 अप्रैल) अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ दिल्ली में मुलाकात की। भारत-रूस संबंधों के लिहाज से बेहद अहम दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत ने अब तक इस मामले में तटस्थ रुख अपनाए रखा है। भारत इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र के किसी भी मंच पर हुई वोटिंग से अब तक दूर रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता राष्ट्रीय राजधानी के हैदराबाद हाउस में हुई, जिसमें समसामयिक मुद्दों व चिंताओं पर चर्चा की गई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बातचीत को लेकर कहा, 'हमारी आज की बैठक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याप्त तनावपूर्ण स्थिति में हो रही है। भारत हमेशा से मतभेदों या विवादों को बातचीत तथा कूटनीति के जरिये सुलझाने के पक्ष में रहा है।' उन्होंने कहा कि भारत ने अपने 'एजेंडे' का विस्तार करते हुए सहयोग में विविधता लाने की कोशिश की है।
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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि अतीत में कई मुश्किलों के दौरान भी दोनों देशों के बीच संबंध चिरस्थायी बने रहे। उन्होंने कहा, 'हमें संतुलित विश्व में रुचि है और यही हमारे संबंधों को टिकाऊ बनाता है।' उन्होंने यूक्रेन संकट को लेकर पश्चिमी देशों से रूस के तनावपूर्ण संबंधों की मौजूदा स्थिति में भारत के रुख की सराहना की।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव चीन की यात्रा समाप्त कर गुरुवार को भारत के दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे। यह फरवरी के आखिर में यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई और उसके बाद अमेरिका तथा पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बाद उनका पहला भारत दौरा है। भारत और रूस के बीच यह उच्च-स्तरीय बैठक व्यापक छूट के साथ रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदने की संभवनाओं और द्विपक्षीय व्यापार के लिए रुपये-रूबल (रूसी मुद्रा) की विनिमय व्यवस्था की पृष्ठभूमि में हुई है।
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भारत और रूस के बीच हुई यह उच्चस्तरीय बैठक इसलिए भी खास है, क्योंकि एक दिन पहले ही अमेरिका ने आगाह किया था कि रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों में गतिरोध पैदा करने वाले देशों को अंजाम भुगतने पड़ेंगे। रूसी विदेश मंत्री के भारत पहुंचने से कुछ ही घंटे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी एनएसए) दलीप सिंह ने विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला सहित भारतीय वार्ताकारों के साथ कई बैठकें की थी, जिस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिका किसी भी देश को रूसी केंद्रीय बैंक के साथ वित्तीय लेनदेन में शामिल होते नहीं देखना चाहेगा।
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