नई दिल्ली। 24 घंटे के भीतर दूसरी बार जलजले यानि भूकंप ने गुजरात में दस्तक दी। भूकंप का केंद्र राजकोट से 83 किमी दूर था और रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.4 मापी गई। इससे पहले बीती रात भी भूकंप के झटकों से लोग दहशत में घरों से बाहर निकल पड़े। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई है। झटके इतने तेज थे कि लोग दहशत में आकर घरों से बाहर निकल गए। यह भूकंप रात 8.13 मिनट पर आया था और इसका केंद्र राजकोट के 122 किमी उत्तर-उत्तर-पश्चिम में था।
बार बार क्यों आ रहा है भूकंप
भूकंप की वजह जमीन के नीचे मौजूद प्लेट्स होती हैं। जब-जब ये अपनी जगह बनाती हैं, या एक दूसरे से टकराती हैं तब कंपन होता है। इसका केंद्र उस जगह को कहा जाता है जहां से ये कंपन उत्पन्न होती है और फिर देखा जाता है कि ये जमीन में कितने नीचे हुआ। अगर बात करें दिल्ली-एनसीआर की तो इसका सेसेमिक स्टेटस (Seismic status) को डेंजर जोन-4 में रखा गया है। जो कि सबसे संवेदनशील कहा जा सकता है।
2005 से 2012 के बीच 422 बार कंपन
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2005 से 2012 के बीच यहां पर तकरीबन 422 पर जमीन के नीचे हरकत हो चुकी है लेकिन औसतन इनकी तीव्रता 3 तक ही रही। इससे ये पता चलता है कि जो ऊपर की सतह है वो हाई टेकटोनिक फ्लक्स में आती है इसलिए यहां भूकंप आना आम बात हो चुका है। दिल्ली पर हिमालय से लेकर हिंदूकुश तक के केंद्र का प्रभाव होता है। दिल्ली में यमुना के पास का क्षेत्र, कुछ उत्तरी दिल्ली के इलाके और कुछ दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के क्षेत्र भूंकप की नजर से सबसे संवेदनशील बताए जाते हैं।
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