पूर्वी वायु कमान के प्रमुख ने हासीमारा एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान में भरी उड़ान

भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 राफेल विमान का सौदा किया था। राफेल लड़ाकू विमान का पहला बैच 29 जुलाई, 2020 में भारत पहुंचा था। इन विमानों के आने से भारतीय वायु सेना की क्षमता बढ़ गई है।

 Eastern Air Command chief takes off in Rafale fighter jet at Hasimara airbase
पूर्वी वायु कमान के प्रमुख एयर मार्शल डीके पटनायक  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • राफेल स्क्वाड्रन ने पूर्वी क्षेत्र में परिचालन तैयारियों को बढ़ाने में की मदद
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी भर चुके हैं राफेल की उड़ान
  • भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान का किया था सौदा

पूर्वी वायु कमान के प्रमुख एयर मार्शल डीके पटनायक ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमान में एक उड़ान भरी। भारतीय वायु सेना के अधिकारी ने कहा कि हासीमारा में राफेल स्क्वाड्रन ने पूर्वी क्षेत्र में परिचालन तैयारियों को बढ़ाने में मदद की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इससे पहले राफेल की उड़ान भर चुके हैं। भारत को अब तक 36 में से 35 राफेल विमान मिल चुके हैं। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 राफेल विमान का सौदा किया था। राफेल लड़ाकू विमान का पहला बैच 29 जुलाई, 2020 में भारत पहुंचा था। साल 2020 में औपचारिक रूप से राफेल विमानों को शामिल किया गया था।

शक्तिशाली हथियारों को साथ ले जा सकने में सक्षम है राफेल

राफेल विमान रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद 23 वर्षों में लड़ाकू विमानों की भारत की पहली बड़ी खरीद है। राफेल विमान कई शक्तिशाली हथियारों को साथ ले जा सकने में सक्षम है। नजर आने की रेंज से परे हवा से हवा में मार करने वाली (बीवीआरएएएम) यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए की मीटियोर मिसाइल और स्काल्प क्रूज मिसाइल राफेल विमानों के हथियार पैकेज का मुख्य आधार होगा। 

36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान होंगे

36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू और छह प्रशिक्षण विमान होंगे। प्रशिक्षण विमानों में दो सीट होंगी और उनमें लड़ाकू विमान वाली लगभग सभी विशेषताएं होंगी। जहां राफेल विमानों का पहला बेड़ा अंबला हवाई ठिकाने पर तैनात होगा, वहीं दूसरा दस्ता पश्चिम बंगाल के हसीमारा हवाई ठिकाने पर तैनात रहेगा। भारतीय वायु सेना का 17वां स्क्व़ाड्रन साल 2019 में 10 सितंबर को दोबारा खड़ा किया गया था। जहाजों का ये बेड़ा असल में एक अक्टूबर, 1951 को एयर फोर्स स्टेशन, अंबाला में खड़ा किया गया था। 17वें स्क्वाड्रन के नाम पर कई पहली चीजें दर्ज हैं। 1955 में इसे पहले लड़ाकू विमान, प्रसिद्ध डी हैविलेंड वैम्पायर से लैस किया गया था।

तीन और राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से पहुंचे भारत, वायुसेना की क्षमता में हुआ इजाफा

शनिवार को पूर्वी वायु कमान के प्रमुख एयर मार्शल डीके पटनायक ने निरीक्षण दौरे पर लाईटकोर पीक स्थित वायु सेना स्टेशन का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें बेस की परिचालन क्षमता और युद्ध क्षमता के बारे में जानकारी दी गई। स्टेशन कमांडर ग्रुप कैप्टन संदीप सिंह वीएम ने पटनायक का स्वागत किया। शिलांग के पीआरओ डिफेंस के अनुसार एयर मार्शल ने स्टेशन के अलग-अलग सेक्शन का भी निरीक्षण किया और चल रहे कामों और सेवाओं की जानकारी ली।

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