पेट्रोल पंपों पर केंद्रीय योजनाओं के विज्ञापन वाली होर्डिंग में प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है ये कहना है भारतीय निर्वाचन आयोग का, उसने पेट्रोल पंपों को निर्देश दिया है कि वे 72 घंटे के भीतर पीएम की फोटोग्राफ्स वाली होर्डिंग्स को हटा दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत एक मार्च को दिल्ली के एम्स में कोरोना वैक्सीन लगवाई थी इस मामले को लेकर विवादों का दौर भी शुरू हो गया है गौर हो कि कोरोना टीका लगवाने वालों को जो प्रमाणपत्र दिया जा रहा है उस पर पीएम मोदी की तस्वीर लगी है तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस पर विरोध जताया।
बुधवार को टीएमसी नेता चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने पहुंचे और इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल ममता सरकार के मंत्री फरहाद हाकिम ने इसे सरकारी मशीनरी का जबरदस्त दुरुपयोग करार दिया।
इसके साथ ही उन्होंने पेट्रोल पंपों पर लगी केंद्र सरकार की योजनाओं के विज्ञापन वाली होर्डिंग्स को हटाने के लिए भी चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की थी। गौर तलब है कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पडुचेरी में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। वहीं पश्चिम बंगाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है, उन्होंने कहा, ‘यदि कोई सरकारी परियोजना चुनाव की घोषणा से पहले शुरू होती है, तो यह उसी रूप में जारी रह सकती है। पेट्रोल पंपों पर, होर्डिंग्स में केंद्र की कई कल्याणकारी परियोजनाओं का विज्ञापन किया गया है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस मुद्दे को देखेगा।
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