महाराष्ट्र में बनी 'ईडी सरकार', जो हुआ वो भारत जैसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक: कांग्रेस

देश
भाषा
Updated Jun 30, 2022 | 23:58 IST

कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बीजेपी पर तीखा प्रहार किया और कटाक्ष करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के आने से राज्य को ईडी सरकार मिली है। 

'ED government' formed in Maharashtra, said Congress, what happened is shameful for a democracy like India
बीजेपी पर कांग्रेस का हमला 

नई दिल्ली : कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा प्रहार किया और कटाक्ष करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के आने से राज्य को ईडी सरकार मिली है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी हर कीमत पर सत्ता चाहती है तथा इसके लिए वह लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकारों को अस्थिर कर रही है जो लोकतंत्र का अपमान है।

कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने प्रवर्तन निदेशालय का उल्लेख किया और कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि अब ‘एकनाथ और देंवेंद्र’ के साथ आने से महाराष्ट्र में ‘ईडी सरकार’ मिल गई है। शिंदे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। फडणवीस उप मुख्यमंत्री बने हैं।

जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि भाजपा ने धनबल, सत्ताबल और बाहुबल के दम पर एक और राज्य को अनैतिक ढ़ंग से अपने कब्जे में कर लिया है। महाराष्ट्र में जो हुआ वो भारत जैसे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। मोदी-शाह के नेतृत्व में भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना चाहती है। वे चाहते हैं कि या तो सत्ता उनके पास रहे या या कुर्सी की डोर उनके हाथों में हो।

उन्होंने दावा किया कि सत्ता के लिए खरीद-फरोख्त, राज्यपाल एवं विधानसभा अध्यक्षों की शक्तियों का गलत इस्तेमाल तथा ईडी-सीबीआई जैसी एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है। अब तो यह आलम है कि केंद्रीय वित्तमंत्री के मुंह से भी सच निकल जाता है। अब वो हॉर्स ट्रेडिंग (खरीद-फरोख्त) पर जीएसटी लगाने का सुझाव दे रहीं हैं।

रमेश के अनुसार, वर्ष 2016 में उत्तराखंड में भाजपा ने कुछ इसी तरह कांग्रेस की सरकार गिराई थी। कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने के कारण 5 साल के लिए चुनी हुई सरकार चार साल में ही अल्पमत में आ गई थी। उसी वर्ष अरुणाचल में भी कांग्रेस के 44 में से 43 विधायक मुख्यमंत्री पेमा खांडू के नेतृत्व में दलबदल करते हुए भाजपा समर्थित मोर्चे में शामिल हो गए थे।

उन्होंने मणिपुर, राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का हवाला दिया और कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक ढ़ंग से चुनी हुई सरकारों को जिस तरह अस्थिर कर रही है उसकी हम कड़ी भर्त्सना एवं निंदा करते हैं। ये न सिर्फ लोकतंत्र का अपमान है बल्कि देवतुल्य जनता का भी अपमान है जो भाजपा की विचारधारा के खिलाफ वोट करती हैं।

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