JKCA Scam : ED के सामने पेश हुए फारूक अब्दुल्ला, उमर बोले-'यह बदले की कार्रवाई'

जेकेसीए के कोषाध्यक्ष मंजूर वजीर ने मार्च 2012 में संस्था के महासचिव मोहम्मद सलीम खान और पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान मिर्जा के खिलाफ धन की हेराफेरी की शिकायत दर्ज कराई।

ED questions National Conference chief Farooq Abdullah in J-K Cricket Association scam
ED के सामने पेश हुए फारूक अब्दुल्ला, उमर बोले-'यह बदले की कार्रवाई'।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • जेकेसीए घोटाला मामले में ईडी ने फारूक अब्दुल्ला को पूछताछ के लिए तलब किया
  • साल 2012 में सामने आया यह घोटाला, फर्जी तरीके से बैंक से पैसे निकालने का आरोप
  • घोटाले के समय जेकेसीए के अध्यक्ष थे फारूक, पहले भी हो चुकी है उनसे पूछताछ

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एवं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को पूछताछ के लिए फारूक को अपन दफ्तर तलब किया। जेकेसीए घोटाले का यह मामला 2012 में सामने आया। साल 2005 से 2012 के बीच जेकेसीए के बैंक अकाउंट से धन की हेराफेरी करने का आरोप है। उस समय फारूक जेकेसीए के अध्यक्ष थे। 

2012 में पुलिस में दर्ज हुई शिकायत
जेकेसीए के कोषाध्यक्ष मंजूर वजीर ने मार्च 2012 में संस्था के महासचिव मोहम्मद सलीम खान और पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान मिर्जा के खिलाफ धन की हेराफेरी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद भ्रष्टाचार का यह मामला सामने आया। इसके कुछ दिनों बाद घोटाले से जुड़े कथित 50 लोगों की एक सूची सार्वजनिक हुई। भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद जेकेसीए के अध्यक्ष पद से फारूक अब्दुल्ला हो हटना पड़ा। इस पद पर वह तीन दशक से ज्यादा समय तक रहे। घोटाला मामले में ईडी फारूक से पहले भी पूछताछ कर चुका है। मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी ने 2.6 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की। 

जेकेसीए को बीसीसीआई से मिले 94.06 करोड़ रुपए
रिपोर्टों के मुताबिक ईडी की जांच में यह सामने आया है कि वित्तीय वर्ष 2005-2006 से लेकर 2011-21012 तक जेकेसीए को बीसीसीआई से तीन बैंक अकाउंट में 94.06 करोड़ रुपए मिले।  ईडी का आरोप है, 'जेकेसीए के नाम पर कई अन्य खाते खोले गए और इन खातों में रकम भेजी गई। इसी तरह के दूसरे बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग के लिए इस्तेमाल किया गया।'

उमर ने इसे बदले की कार्रवाई बताया
ईडी की ओर से पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर उमर अब्दुल्ला ने इसे 'बदले की कार्रवाई' कहा है। अपने एक ट्वीट में उमर ने कहा, 'ईडी के इस समन पर पार्टी जल्द ही जवाब देगी। गुपकार घोषणापत्र के लिए गठबंधन बनाए जाने के बाद यह कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। डॉ. साहिब के आवास पर जांच एजेंसी का कोई छापा नहीं पड़ा है।' बता दें कि हिरासत में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बाहर आने के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हुई है। पिछले सप्ताह पीडीपी, एनसी सहित कश्मीर के क्षेत्रीय दलों ने एक बैठक की और राज्य में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अपना एक गठबंधन बनाया। 

दरअसल, चार अगस्त 2019 को पीडीपी, एनसी सहित 6 प्रमुख पार्टियों ने मिलकर अगस्त 2019 में एक मुहिम तैयार की थी। इसे गुपकार अभियान कहा गया। इसका उद्देश्य जम्मू और कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे और अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 को बचाना और राज्य के विभाजन को रोकना था। इससे पहले कि ये दल अपनी इस मुहिम को आगे बढ़ा पाते कि इन्हें नजरबंद कर दिया गया। हिरासत से रिहाई हो जाने के बाद ये सभी दल एक बार फिर अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए सक्रिय हो गए हैं।
 

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