Congress President Election: अगर इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस के 19 अध्यक्ष हुए हैं। जिसमें 5 अध्यक्ष गांधी परिवार से रहे है। और उनका बीते 75 साल में 37 साल अध्यक्ष पद पर कब्जा रहा है। और उससे भी बड़ी बात है कि पिछले 24 साल में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कोई अध्यक्ष नहीं बन सका। इस दौरान केवल 2000 के चुनाव में नई-नई राजनीति में एंट्री करने वाली सोनिया गांधी के खिलाफ जितेंद्र प्रसाद में उतरे थे। लेकिन उन चुनावों में हारे उम्मीदवार जितेंद्र प्रसाद ने कई गंभीर आरोप लगा दिए। जिसकी आंच आज भी कांग्रेस के कई नेताओं को परेशान कर रही है। पहले आनंद शर्मा फिर मनीष तिवारी और अब शशि थरूर और असम के सांसद प्रद्युत बारदोली ने भी इलेक्टोरल रोल की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
इलेक्टोरल को लेकर क्या है डर
असल में साल 2000 में इन्ही इलेक्टोरल रोल की वोटिंग पर जितेंद्र प्रसाद गुट ने सवाल उठाया था। उनका कहना था कि लिस्ट में फर्जी वोटरों को शामिल किया गया था। और उनकी लिस्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई थी। इन चुनावों में सोनिया गांधी को 7774 वोट मिले थे, जबकि जितेंद्र प्रसाद को केवल 94 वोट मिले थे। अब यही डर इस बार भी कांग्रेस के इन नेताओं को सता रहा है। हालांकि कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया से जुड़े नेताओं ने साफ कर दिया है कि चुनाव निष्पक्ष होंगे। जहां पर इलेक्टोरल की लिस्ट सार्वजनिक करने की बात है तो ऐसा कभी नहीं हुआ है। चुनाव में खड़े उम्मीदवारों को लिस्ट दी जाती है और इस बार भी दी जाएगी।
आजाद गए फिर भी कांग्रेस में विरोध के स्वर ! अब 'कठपुतली अध्यक्ष' का डर
आजादी के बाद गांधी परिवार के सदस्य कब-कब बने
कांग्रेस के इतिहास में सोनिया गांधी का अध्यक्ष के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल रहा है। वह 1998 से 2017 तक पूरे 19 साल तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। इस साल 10 साल कांग्रेस की केन्द्र में सरकार रही। इसके बाद 2 साल राहुल गांधी 2019 तक प्रधानमंत्री रहे। सोनिया गांधी के राजीव गांधी 1985-91 तक अध्यक्ष रहे थे। वहीं इंदिरा गांधी 1969 से 1978 और फिर 1984 में अध्यक्ष बनीं थी। वहीं उनके पिता जवाहर लाल नेहरू 1951-1954 तक अध्यक्ष रहे थे।
इंदिरा गांधी के समय 1977-78 में कांग्रेस का विभाजन हुआ था। उस समय ब्रह्मनंद रेड्डी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। विभाजन के बाद इंदिरा गांधी ने कांग्रेस(आई) की स्थापना की थी।
अध्यक्ष पद के चयन की क्या है प्रक्रिया
कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC)और कांग्रेस कार्य समिति (CWC)होती है। और उसके बाद प्रदेश स्तर पर प्रदेश कांग्रेस समिति होती है। और फिर जिला और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस कमेटी होती है। ब्लॉक समिति के स्तर से गोपनीय आधार पर प्रदेश कांग्रेस समिति में डेलीगेट या इलेक्टोरल रोल भेजे जाते हैं। कांग्रेस पार्टी के अनुसार इस बार की चुनावी प्रक्रिया में 9000 डेलीगेट भाग लेंगे।
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