नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब पिछले दो महीनें से किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और प्रशासन ने इन्हें बिजली भी मुहैया कराई है। बुधवार देर रात यहां अचानक से भारी संख्या में पुलिस और आरपीएफ की तैनाती देखी गई और फिर धरना स्थल की बिजली काट दी गई। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी यहां मौजूद रहे जो बाद में वहां से लौट गए लेकिन पुलिस बल की तैनाती अभी भी जारी है।
राकेश टिकैत होंगे गिरफ्तार?
बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती और अचानक बिजली की सप्लाई रोके जाने के बाद इस बात की चर्चाएं तेज हो गई हैं कि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी हो सकती है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में दर्ज एफआईआर में राकेश टिकैत का नाम भी शामिल है। राकेश टिकैत के कुछ वीडियो भी सामने आए थे जिसमें में वो लोगों को भड़काते हुए नजर आ रहे हैं।
टिकैत बोले- यह दहशत फैलाने की कोशिश
बिजली सप्लाई रोके जाने पर टिकैत ने कहा कि प्रशासन को इस तरह की डर फैलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। टिकैत ने आरोप लगाया कि भारी पुलिस बल की तैनाती और बिजली सप्लाई रोककर दहशत फैलाई जा रही है। इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा, 'कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई। अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है। कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले। यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी। किसान आंदोलन जारी रहेगा।'
संगठनों में फूट
गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान संगठनों में भी फूट पड़ती नजर आ रही है। नये कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया। दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है। वहीं ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-आर्डिनेशन कमेटी’ के वी एम सिंह ने कहा कि उनका संगठन मौजूदा आंदोलन से अलग हो रहा है क्योंकि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में आगे नहीं बढ़ सकते जिसमें कुछ की दिशा अलग है।
एफआईआर दर्ज
आपको बता दें कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में 300 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल और गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 37 किसान नेताओं के नाम हैं। एफआईआर में आईपीसी की कई धाराओं का उल्लेख है जिनमें 307 (हत्या का प्रयास), 147 (दंगों के लिए सजा), 353 (किसी व्यक्ति द्वारा एक लोक सेवक / सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।
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