नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंकों के समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लि. (ABG Shipyard) उसके पूर्व प्रवर्तकों के साथ अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग (Money Laundering) का आपराधिक मामला दर्ज किया है, आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
CBI के कथित तौर पर देश के सबसे बड़े बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है।सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की शिकायत और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद ईडी ने धन शोधक निरोधक कानून (PMLA) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) 22800 करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले की जांच कर रहा है। SFIO कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में काम करता है। एसएफआईओ पैसे की हेराफेरी के कोण से कंपनी के अधिनियम के माध्यम से मामले की जांच करेगा।
देश की मानी-जानी कंपनी ABG शिपयार्ड ने 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। बैंकों के साथ इतनी बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद CBI ने एबीजी शिपयार्ड और उसके निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी करने के आरोप में केस दर्ज किया है। एबीजी शिपयार्ड एक प्रमुख कंपनी है जो जहाज निर्माण और जहाज-मरम्मत के कारोबार से जुड़ी है। एबीजी पर ICICI का सबसे अधिक राशि ₹7,089 करोड़ का बकाया है, इसके अलावा IDBI, SBI, PNB और बैंक ऑप बड़ौदा जैसे बैंकों के 1 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि बकाया है।
सीबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, कफे परेड, कोलाबा मुंबई ब्रांच के डीजीएम बालाजी सिंह समानता की शिकायत पर मेसर्स एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, मगदला विलेज, ऑफ डुमास रोड, सूरत, गुजरात कंपनी, ऋषि कमलेश अग्रवाल, चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, गारंटर संथानम मुथास्वामी, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अश्वनी कुमार, डायरेक्टर सुशील कुमार अग्रवाल, डायरेक्टर रवि विमल निवेदिता, डायरेक्टर मेसर्स एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और अज्ञात सरकारी लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, चीटिंग, क्रिमिनल बीच ऑफ ट्रस्ट, पोस्ट का दुरुपयोग करके कॉन्सॉर्टियम ऑफ बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ई स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (मौजूदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ), ई स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (मौजूदा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) जिसे आईसीआईसी बैंक लीड कर रहा था, उन्हें कुल 22,842 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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