Air Pollution:खेतों में जलती है पराली तो दिल्ली का घुंटता है दम, 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू करने का सलाह

देश
ललित राय
Updated Oct 08, 2020 | 20:51 IST

सर्दी की आहट के साथ ही दिल्ली और एनसीआर पर स्मॉग का खतरा मंडराने लगता है। दिल्ली सरकार तमाम तरह के ऐलान करती है। लेकिन हवाओं का क्या कोई सरहद रोक सकी है, इस बीच सबसे बड़ी चिंता पराली से है।

Air Pollution:खेतों में जलती है पराली तो दिल्ली का घुंटता है दम, 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू करने का सलाह
अक्टूबर के महीने से पंजाब और हरियाणा के खेतों में जलाई जाती है पराली 

नई दिल्ली। अक्टूबर के महीने से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के खेतों में पराली का जलना शुरू हो जाता है। पराली न जले इसके लिए राज्य सरकारों की तरफ से बड़ी बड़ी बातें की जाती हैं। लेकिन जमीन पर कुछ खास होता नजर नहीं आता। दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रदूषण को रोकने के लिए जितना कुछ हम कर सकते हैं उसे अमल में लाते हैं। लेकिन पड़ोसी राज्यों के कौन कहेगा कि वो अपने यहां पराली के संबंध में न सिर्फ कड़े फैसले लें बल्कि किसानों को पराली जलाने से रोकें। इस विषय पर पंजाब के किसानों का कहना है कि वो नहीं चाहते। लेकिन पराली जलाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। 

15 अक्टूबर से ग्रेप पर दिल्ली सरकार करे काम
इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण ईकाई(रोकथाम और नियंत्रण) ने दिल्ली सरकार को लिखा है कि वायु की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम पर 15 अक्टूबर से काम करना शुरू करे। इसके साथ डीजल से चलने वाले जनरेटर्स के इस्तेमाल पर बैन लगाने को भी कहा है। इसके अलावा दिल्ली के पडो़सी राज्यों को भी खत लिखकर कहा गया है कि प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में वो भी साथ आएं। 


दरअसल अक्टूबर के महीने से किसान बड़े पैमाने पर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना शुरू कर देते हैं और उसकी वजह से हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से न सिर्फ दिल्ली और एनसीआर की आबोहवा खराब होती है बल्कि सांस के मरीजों के लिए स्थिति और खराब हो जाती है। 

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