नई दिल्ली : बिहार घोषणापत्र में भाजपा की ओर से मुफ्त कोरोना टीका लगाए जाने का वादा किए जाने के बाद राजनीतिक दलों के बीच इस पर सियासत ने जोर पकड़ा है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले 80 लाख को पार कर गए हैं और इस महामारी से अब तक एक लाख 20 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना का टीका आ जाने पर यह पहले किसे लगेगा और क्या यह मुफ्त होगा, इस पर कई तरह की बातें सुनने को मिली हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीके पर सरकार की स्थिति स्पष्ट की है।
सभी को लगेगा कोरोना का टीका
'इकोनॉमिट टाइम्स' को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा है कि देश में कोरोना का टीका आ जाने पर इसे सभी को लगाया जाएगा। सरकार किसी को टीकारहित नहीं छोड़ेगी। पीएम के इस बयान से संकेत मिलता है कि सरकार लोगों का मुफ्त टीकाकरण करेगी। इसके अलावा कोविड-19 संकट की वजह से अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान और इस महामारी से निपटने में सरकार के प्रयासों पर पीएम ने विस्तार से बातचीत की है।
टीका लगाए जाने पर कमेटी का गठन
इस सवाल पर कि कोरोना के टीके को अगले साल उपलब्ध होने की बात कही जा रही है, सरकार इस टीके को पहले किसे देगी, पीएम ने कहा, 'सबसे पहले मैं देशवासियों को भरोसा देना चाहता हूं कि जैसे ही कोरोना का टीका उपलब्ध होगा, सभी को यह टीका लगाया जाएगा। टीका लगाए बिना सरकार किसी को छोड़ेगी नहीं। जाहिर तौर पर शुरुआत में उन लोगों को पहले टीका लगाया जाएगा जो इस महामारी के खतरे में सबसे ज्यादा हैं। टीका कैसे लगाए जाए इस पर एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन हुआ है।'
टीके को अंतिम नागिरक तक पहुंचाएगी सरकार
उन्होंने आगे कहा, 'हमें यह देखना चाहिए कि वैक्सीन के निर्माण की प्रक्रिया अभी चल रही है। ट्रायल्स चल रहे हैं। वैक्सीन, उसके डोज और उसे किस तरह से देना है, इस पर अभी पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। टीके के बारे में विशेषज्ञ जब फैसला कर लेंगे फिर इसे नागरिकों तक पहुंचाया जाएगा। देश भर में टीके के संरक्षण एवं रखरखाव के लिए 28,000 कोल्ड चेन की पहचान की गई है। अंतिम नागरिक तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए रोडमैप तैयार है। टीके के लिए रजिस्ट्रेशन, उसकी निगरानी और उसे नागरिकों तक पहुंचाने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी तैयार किया जा रहा है।'
'यह वायरस सभी के लिए अज्ञात था'
इस सवाल पर कि मार्च में देश में पहली बार लॉकडाउन हुआ, इस आप किस रूप में देखते हैं, पीएम ने कहा, 'यह वायरस सभी के लिए अज्ञात था। इस तरह का पीछे कुछ भी नहीं हुआ है। इसलिए इस नए शत्रु का सामना करने के लिए हमें अपने तरीके विकसित करने पड़े। मैं कोई स्वास्थ्य विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन मेरा आंकलन आंकड़ों के आधार पर है। हमें कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई को इस बात से आंकनी चाहिए कि हम इस महामारी से कितने लोगों का जीवन बचा सके।'
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