नई दिल्ली: पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सीएजी रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम शामिल न करने के लिए दबाव बनाने वालों में कांग्रेस नेता संजय निरुपम के नाम के उल्लेख पर बिना शर्त उनसे माफी मांग ली है। राय ने अपनी किताब में निरुपम के नाम का उल्लेख उन सांसदों के साथ किया था, जिन्होंने कैग की रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम नहीं लेने के लिए उन पर कथित तौर पर दबाव डाला था। 2014 में पूर्व सीएजी ने अपनी किताब में आरोप लगाए थे और मीडिया को दिए साक्षात्कारों में इसे दोहराया था, जिसके बाद निरुपम ने राय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
पटियाला हाउस में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने राय की माफी स्वीकार करते हुए निरुपम का बयान दर्ज कर मामले का निपटारा कर दिया है। निरुपम के वकील आर के हांडू ने पीटीआई को बताया, ‘विनोद राय को मामले में बरी कर दिया गया है। चूंकि निरुपम ने उनकी माफी स्वीकार कर ली है, इसलिए उनका बयान दर्ज करने के बाद मामले का निपटारा कर दिया गया है।’ पूर्व सीएजी ने अदालत में दायर एक हलफनामे में कहा है कि उन्होंने अनजाने में और गलत तरीके से निरुपम के नाम का पहले उल्लेख किया है।
उन्होंने अपने हलफनामे में कहा, ‘मैंने अनजाने में और गलत तरीके से संजय निरुपम के नाम का उल्लेख उन सांसदों में से एक के रूप में किया था जिन्होंने लोकलेखा समिति (पीएसी) की बैठकों में या संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठकों से इतर, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर कैग की रिपोर्ट से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम बाहर रखने के लिए दबाव डाला था।’ पूर्व सीएजी ने यह भी कहा है कि निरुपम के खिलाफ उनके द्वारा दिए गए बयान तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। राय ने अदालत में दायर अपने हलफनामे में कहा, ‘मैं समझता हूं कि मेरे बयान से संजय निरुपम, उनके परिवार और उनके शुभचिंतकों को ठेस पहुंची है और मैं इसके लिए बिना शर्त माफी मांगना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि संजय निरुपम मेरी बिना शर्त माफी पर विचार करेंगे और स्वीकार करेंगे और इस मुद्दे को बंद कर देंगे।’
निरुपम ने बाद में कहा कि राय को 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला ब्लॉक आवंटन पर कैग की रपटों को लेकर देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों ‘‘फर्जी’’ थीं। उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘विनोद राय को इन फर्जी खबरों के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।’’
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उनके रुख को सही ठहराया गया और पूर्व सीएजी ने उनके खिलाफ किए गए अपने गलत दावों के लिए माफी मांगी।
कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सच्चाई सामने आ गयी है। उन्होंने कहा, ‘इस हलफनामे से डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को अपमानित करने के लिए स्पष्ट झूठ का पर्दाफाश होता है।’ सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिये सवाल किया, 'संजय निरुपम को उनकी दृढ़ता के लिए बधाई। क्या न्यूज चैनलों को भी माफी नहीं मांगनी चाहिए? क्या श्री विनोद राय को अब सार्वजनिक पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए?' निरुपम ने अपनी किताब और उसके बाद के साक्षात्कारों में राय के आरोपों का कड़ा विरोध किया था और 2014 में दिल्ली की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
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