इस वक्त देश में वही हो रहा है, जिसके बारे में हम आपको पाठशाला में आगाह करते रहे हैं। हमने आपको बताया था कि कैसे मुस्लिमों का इस्तेमाल किया जा रहा है, कैसे मुस्लिमों को भड़काया जा रहा है और ये पूरी प्लानिंग के साथ हो रहा है। क्योंकि देश जिस तरह से तरक्की कर रहा है। जिस तरह से आतंकवादी कश्मीर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उसमें भारत विरोधी लोग इस साजिश में लगे है देश के अंदर ही आग लगा दो। इस साजिश में नया हथियार बना है धर्म। मुस्लिमों को पीड़ित बताकर उन्हें भड़काना। कभी पत्थरबाजी करवाना। कभी दंगे करवाना। कभी सर तन से जुदा के नारे लगवाना। और इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी से देश का माहौल खराब करना। ये सब इसी साजिश का बड़ा हिस्सा है। पिछले दो दिनों में भारत और भारत के प्रधानमंत्री के नरेंद्र मोदी के खिलाफ दो बड़े खुलासे हुए हैं।
- कल पटना में भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का खुलासा
- आज ISKP के मैगजीन में मुस्लिमों को जिहाद के लिए भड़काया गया
पीएफआई के देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने और आतंकी संगठन IS खुरासन के मैग्जीन में लिखे लेख में ज्यादा फर्क नहीं है। दोनों का एजेंडा एक है। मोदी विरोध और जेहाद के लिए भारत में मुसलमान युवाओं को भड़काना, भारत में हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाना। ISIS से जुड़े आतंकी संगठन ISKP यानी इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत की एक मैगजीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को टारगेट किया गया है।
इस मैगजीन में पीएम मोदी की तस्वीर छापी गई, जिसमें खून के छींटे लगे हैं। बैकग्राउंड में दंगे की तस्वीर है। पीएम मोदी की तस्वीर के पीछे भारत का झंडा है और नीचे अंग्रेजी में मोटे अक्षरों में लिखा है, INDIA BETWEEN PAIN AND HOPE, जिसका हिंदी में मतलब है दर्द और उम्मीद के बीच भारत। इस मैगजीन का नाम वॉयस ऑफ खुरासान है और ये कवर पेज इस मैगजीन का लेटेस्ट एडिशन का हिस्सा है। आतंकी संगठन ISKP की इस मैगजीन में लिखा क्या है। ये भी जान लीजिए।
-इस्लाम ने हिंद यानी भारत के लोगों को भद्दी विचारधारा से मुक्त कराना शुरू किया था
-हिंदुस्तान पर सैकड़ों वर्षों तक इस्लाम का राज रहा, बाद में इस्लाम को दबा दिया गया
-आज के दौर में भारत में बेकार विचारधारा है, जिसमें लोग पत्थर और गाय को पूजते हैं।
-हिंदू देवी देवताओं के पास दैवीय शक्ति नहीं है, वो किसी की भी मदद नहीं कर सकते हैं
-मैगजीन में ये भी लिखा है कि इस्लाम का विरोध करने वाले काफिरों का अंत अब करीब है।
-इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन ISIS का ही सहयोगी है
-ISKP के आतंकी, इस वक्त अफगानिस्तान के अंदर और अफगानिस्तान से जुड़े पाकिस्तानी इलाकों में एक्टिव हैं
-ISKP उन आतंकियों का बनाया गया आतंकी संगठन है, जो भारत सहित दक्षिण एशिया के देशों से सीरिया-इराक में ISIS के लिए लड़ने गए थे
-जब सीरिया और इराक में युद्ध के बाद ISIS का एक तरह से खात्मा हुआ तो वहां लड़ने गए आतंकी भागकर अफगानिस्तान आ गए
-इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत में इस्तेमाल खुरासान फारसी शब्द है, जिसमें 'खुर' का मतलब 'सूरज' और 'असान' का मतलब 'आना' होता है
-'ख़ुरासान' का मतलब है 'वो जगह जहां से सूरज आता हो' यानी 'पूर्वी ज़मीन'। प्राचीन खुरासान मध्य एशिया यानी ईरान और इसके आस-पास का इलाका था
ISKP यानी इस्लामिक खुरासान प्रांत का एजेंडा क्या है। इसे समझना जरूरी है। इन्हें भारत सहित इस पूरे इलाके को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है।
- इस इलाके में अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पूर्वी ईरान के इलाके आते हैं।
- इन सभी जगहों पर इस्लामिक शासन पहले से है। इसलिए अब ये जम्मू-कश्मीर और भारत में एंट्री करना चाहते हैं।
- इससे पहले भी ISKP ने अपनी मैगजीन 'वॉयस ऑफ हिन्द' में भारता का नक्शा दिखाकर गजवा-ए-हिंद की तैयारी का ऐलान किया था यानी साफ है कि इनका का अगला टारगेट भारत है।
अब आप पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI से जुड़े बड़े खुलासे को याद कीजिए। पटना में पीएफआई से जुड़े कुछ लोगों पर छापे मारे गए थे। जिसमें 8 पन्ने का दस्तावेज मिला था।
-इस डॉक्यूमेंट में 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात कही गई
-इसमें कहा गया है कि 'आजादी के 100वें साल में सत्ता मुस्लिमों के पास होनी चाहिए
-दस्तावेज के मुताबिक, भारत में मुस्लिमों को बहुसंख्यक होने की जरूरत नहीं है बस 10% मुस्लिम साथ आएं तो बहुसंख्यक घुटनों पर होंगे।
-इसमें लिखा है कि अल्लाह के कानून को स्थापित करना मुस्लिमों का धर्म है और मुस्लिम ही इस धरती के राजा हैं।
जो दुष्प्रचार भारत में बैठे कुछ लोग करते हैं कि मुसलमानों पर अत्याचार हो रहा है। वैसी ही बातें आतंकी संगठन ISKP भी कर रहा है। ISKP की मैगजीन में।
- हाशिमपुरा, गुजरात और दिल्ली हिंसा का जिक्र किया गया, और इन जगहों पर हिंसा के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार ठहराया गया है।
- कश्मीर के बारे में कहा गया है कि वहां हिंदुओं की सरकार, मुसलमानों के खिलाफ सरकार प्रायोजित आतंकवाद कर रही है।
- इसमें लिखा गया है कि मुस्लिमों की आबादी 20 करोड़ होने के बाद भी हिंदू उनके ऊपर इसलिए अत्याचार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें जिहाद के बदले अमन पसंदी को चुना है।
-मुस्लिमों को जिहाद के लिए भड़काते हुए लिखा गया है कि अगर हिंदू सुरक्षित रहेंगे तो मुस्लिम सुरक्षित नहीं रहेंगे।
-इस मैगजीन के जरिए गाय पूजा और मूर्ति के खिलाफ भी मुसलमानों को भड़काया गया है। मुसलमानों को बीजेपी नेताओं पर हमले के लिए उकसाया गया है
-इस मैगजीन में लिखी बातों के जरिए पैगंबर साहब के अपमान पर मुस्लिमों को कुर्बानी देने के लिए भड़काया गया है।
ISKP सिर्फ साजिश नहीं रच रहा है बल्कि साजिश को अंजाम देने में भी लगा है। ISKP पर अब तक हुए खुलासे के मुताबिक
-2017 में NIA ने दावा किया था केरल में IS खुरासान प्रांत के सदस्य सक्रिय हैं
-NIA ने कहा था कि केरल के 14 लोग काबुल जाकर ISKP से जुड़े थे
-15 मई 2019 को ISKP ने बलूचिस्तान और कश्मीर में हमलों का दावा किया
-2008 में काबुल में भारतीय दूतावास पर अटैक किया
-मार्च 2020 में काबुल के गुरुद्वारा पर हमला किया
-अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर धमाके किया, इसमें 100 लोगों की मौत हुई
-ISKP ने अकेले अफगानिस्तान में 100 से ज्यादा हमले किए
इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत आतंकी संगठन ने पिछले महीने ही अफगानिस्तान में एक गुरुद्वारे को निशाना बनाकर हमला किया था। काबुल के गुरुद्वारे पर हुए इस आतंकी हमले में एक के बाद एक कई धमाके किए गए थे। जिस वक्त ये हमला हुआ था गुरुद्वार में 30 से लेकर 50 सिख और हिंदू मौजूद थे। हमले में 2 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें एक सिख समुदाय के थे। हमले के बाद ISKP ने इस आतंकी वारदात की जिम्मेदारी ली थी।
अफगानिस्तान में गुरुद्वारों पर हो रहे लगातार हमले के बीच अब वहां हिंदू और सिख नाममात्र के बचे हैं। अफगानिस्तान में पिछले महीने हुए हमले के बाद वहां 130 हिंदू और सिख बचे थे। 21 सिख-हिंदू कल भारत आ गए। 60 लोगों ने भारत आने के लिए वीजा का आवेदन दिया है।
जो अफगानिस्तान में हुआ, वही सब दूसरी जगहों पर अप्लाई करने की साजिश हो रही है। भारत इसके प्रमुख टारगेट पर पहले से ही रहा है। आपको दिल्ली के जहांगीरपुरी की हिंसा याद होगी। जहांगीरपुरी की हिंसा पर बड़ा खुलासा ये हुआ है कि ये हिंसा अचानक भड़की हिंसा नहीं थी बल्कि सोची समझी साजिश थी । दिल्ली पुलिस ने 2063 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कि है जिसमें लिखा है कि
जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर जो हिंसा हुई, वह 2019 में शाहीन बाग के सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों और फरवरी 2020 में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के सांप्रदायिक दंगों की अगली कड़ी थी। फिर 10 अप्रैल को रामनवमी के मौके पर देशभर में हुई हिंसा ने साजिशकर्ताओं को हिंसा भड़काने का मौका दे दिया था
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