Bundelkhand Expressway:यूपी के सबसे पिछड़े इलाके पर BJP का दांव, एक्सप्रेस-वे,पानी और डिफेंस कॉरिडोर 2024 में आएंगे काम !

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Jul 15, 2022 | 21:03 IST

Bundelkhand Expressway: बुंदलेखंड क्षेत्र वैसे तो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को मिलाकर बनता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में इसके तहत 7 जिले आते हैं। जिसमें झांसी, महोबा, ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, बांदा शामिल हैं।

modi-yogi and bundelkhand expressway
फाइल फोटो: बुंदेलखंड की बदलेगी तस्वीर  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • 296 किमी के बुंदेल खंड एक्स प्रेस-वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों के लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।
  • प्रदेश में बन रहे डिफेंस कारिडोर के छह नोड्स में से झांसी और चित्रकूट भी शामिल  हैं।
  • हर घर नल योजना के तहत 11-24 फीसदी घरों तक पहुंचा है टोटी से पानी

Bundelkhand Expressway: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जुलाई को बुंदेल खंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने जा रहे हैं। 296 किमी का बुंदेल खंड एक्स प्रेस-वे से  चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों के लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश का चौथा एक्सप्रेव-वे है, जो ऑपरेशनल हो रहा है। प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाके में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे क्षेत्र के 7 जिलों में विकास का मजबूत आधार तैयार कर सकता है। क्योंकि यह क्षेत्र पानी की समस्या से लेकर कम शहरीकरण और कम औद्योगीकरण की चुनौतियों का पहले से ही सामना कर रहा है। ऐसे में राजनीतिक रूप से भाजपा के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे सहित डिफेंस कॉरिडोर बड़ा दांव साबित हो सकते हैं। खास तौर से जब अगले 2 साल बाद 2024 में लोक सभा चुनाव है। क्षेत्र से 4 लोक सभा सीटें आती हैं और फिलहाल सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है।

पिछड़े इलाके के रूप में पहचान

बुंदलेखंड क्षेत्र वैसे तो उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को मिलाकर बनता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में इसके तहत 7 जिले आते हैं। जिसमें झांसी, महोबा, ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, बांदा शामिल हैं। साल 2011 की जनगणना के अनुसार बुंदेलखंड में करीब 99 लाख आबादी रहती है। बाढ़ और सूखे की वजह से बुंदेलखंड में कृषि उत्पादन बेहद कम रहा है। और प्रदेश के कुल उत्पादन में उसकी केवल 6-7 फीसदी हिस्सेदारी रही है। इसी तरह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी करीब 1.5 फीसदी है। और इन 7 जिलों में सिंचाई के भी साधन सीमित हैं। रोजगार के कम साधन से पलायन भी यहां की समस्या है। इसके अलावा पीने के पानी में आर्सेनिक की ज्यादा मात्रा, इस इलाके में गंभीर बीमारियों का प्रसार ज्यादा है।

डिफेंस कॉरिडोर और हर घर जल योजनाओं पर फोकस

यूपी सरकार से मिली जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड में पिछले पांच सालों में 6800 रुपए से अधिक के निवेश हुए हैं। इसमें 284 करोड़ रुपए की लागत की 25 कंपनियों ने उत्पादन शुरू भी कर दिया है। इसके अलावा सरकार का दावा है कि 2900 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर जल्द काम शुरु होगा। प्रदेश में बन रहे डिफेंस कारिडोर के छह नोड्स में से झांसी और चित्रकूट भी शामिल  हैं। अब तक पांच नोड में करीब 16 सौ हेक्टेयर भूमि खरीदी भी जा चुकी है। अब तक यूपीडा की ओर से करीब 91 औद्योगिक और संस्थागत एमओयू भी साइन किए गए हैं। जिनके द्वारा 11,256 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। 

बुंदेलखंड की तकदीर और तस्वीर दोनों बदलेगी 'केन-बेतवा लिंक परियोजना'

हर घर नल योजना से पानी संकट दूर करने की कोशिश

जल जीवन मिशन पोर्टल के अनुसार हर घर जल जीवन योजना के तहत टोटी से पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसके तहत सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक 100 फीसदी ग्रामीण घरों में टोटी से पानी पहुंच जाय। अभी तक झांसी के 13 फीसदी ग्रामीण घर, ललितपुर के 19.46 फीसदी, बांदा के 11.29 फीसदी, चित्रकूट के 13.52 फीसदी, महोबा के 23.67 फीसदी घर, हमीरपुर के 19.78 फीसदी, जालौन के 12.54 फीसदी ग्रामीण घरों में योजना के तहत पानी पुहंचाया गया है।

फरवरी 2020 में हुआ था बुंदेलखंड का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2020 में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। करीब 28 महीने में 296 किमी लंबा एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हुआ है। इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से दिल्ली से चित्रकूट तक की दूरी को यमुना एक्सप्रवेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के जरिए पूरा किया जा सकेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर  चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, छह टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 293 छोटे पुल, 19 फ्लाई ओवर और 224 अण्डरपास का निर्माण किया गया है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर