नई दिल्ली: हाल ही में नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों के दौरान कई लोगों की मौत भी हो गई और कई घायल भी हो गए। सबसे ज्यादा हिंसा उत्तर प्रदेश में हुई जहां विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया और लगभग 20 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें भी वायरल होने लगी जो हकीकत से कोसों दूर थीं।
ऐसी ही एक तस्वीर जो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर की जा रही है उसमें एक मुस्लिम महिला की गोद में एक जख्मी बच्ची है। इस बच्ची के शरीर पर कई जख्म दिख रहे हैं और उसके शरीर पर कपड़े नहीं हैं। बच्ची की पीठ तथा गर्दन पर चोट के निशान हैं और उसकी मां बच्ची को गोद में लिए रो रही है।
फेसबुक पर इस तस्वीर को यह कहकर शेयर किया जा रहा है कि नागरिकता कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान यूपी पुलिस ने बच्ची तक को नहीं छोड़ा और उसकी पिटाई की। मोहसिन रफी खान एसपी के नाम से बने एक फेसबुक पेज पर इस तस्वीर को शेयर किया गया है जिसके साथ कैप्शन दिया गया '#एनआरसी, #एनपीआर, #सीएए। बच्चे को तक नहीं छोड़ी यूपी पुलिस की गुंडागर्दी, हैवानियत की मिसाल योगी सरकार।' फेसबुक पर ही इस तस्वीर को अभी तक 10 हजार से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं।
जब हमने इस तस्वीर की सच्चाई जाननी चाही तो हकीकत कुछ और निकली। दरअसल जिस तस्वीर को यूपी की बताया जा रहा था वह पाकिस्तान की निकली। पाकटीवी नाम की वेबसाइट के उर्दू में लिखे गए एक आर्टिकल में बताया गया है पाकिस्तान के खानपुर में कुत्तों की दहशत का शिकार बच्ची जिसे कुत्ते ने काट लिया था और 12 नवंबर 2019 का यह आर्टिकल है।
इतना ही नहीं www.bolnews.com पर यह खबर है जिसमें इसी घटना का जिक्र किया गया है। तो कुल मिलाकर जिस तस्वीर को यूपी का बताया जा रहा है वह यूपी की नहीं बल्कि पाकिस्तान की है।
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