मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना सांसद संजय राउत की शनिवार को मुंबई स्थित एक होटल में हुई मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। हालांकि तुरंत ही इस मुलाकात पर दोनों पक्षों की तरफ से सफाई भी आ गई। दरअसल संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र सामाना के कार्यकारी संपादक हैं और कहा जा रहा है कि वह सामना के लिए फडणवीस का इंटरव्यू लेने गए थे।
बीजेपी शिवसेना ने दी सफाई
वहीं बीजेपी ने भी एक सामान्य मुलाकात बताया और कहा कि इसके कोई राजनीतिक मायने नहीं है। महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने मुलाकात पर ट्वीट कर सफाई देते हुए कहा, 'राउत ने (शिवसेना के मुखपत्र) सामना के लिए फडणवीस का साक्षात्कार लेने की इच्छा व्यक्त की थी और इसी बारे में चर्चा करने के लिए यह मुलाकात हुई थी। फडणवीस ने राउत से कहा है कि वह बिहार में चुनाव प्रचार करके लौटने के बाद उन्हें साक्षात्कार देंगे। इस भेंट का कोई राजनीतिक संदर्भ नहीं है।'
नहीं किया जा सकता है इंकार
भले ही दोनों दल इस मुलाकात को सामान्य बता रहे हों लेकिन इस मुलाकात के पीछे राजनीतिक महत्वकांक्षा से इनकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल कुछ समय से महाराष्ट्र की राजनीति में रस्साकस्सी चल रही है कांग्रेस और एनसीपी तथा शिवसेना नेताओं के बीच कई बार खींचतान सार्वजनिक हो चुकी है। कंगना प्रकरण से कुछ समय पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि सरकार में शिवसेना और एनसीपी ही ज्यादा स्ट्रांग पोजिशन में हैं और कांग्रेस को महत्वपूर्ण निर्णयों से दूर रखा जा रहा है। कांग्रेस ने खुद को महत्वपूर्ण फैसलों से दूर रखने का भी आरोप दबी जुबान से लगाया था।
बीजेपी शिवसेना ने साथ लड़ा था चुनाव
आपको बता दें कि शिवसेना और भाजपा ने पिछले साल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में साझेदारी को लेकर उद्धव ठाकरे नीत पार्टी भाजपा का साथ् छोड़ गई थी और राकांपा तथा कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी। 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें जीतने के बावजूद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा था।
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