'1 के बदले 5 को ना देनी पड़े फांसी'; निर्भया के दोषियों के परिजनों ने राष्ट्रपति से लगाई ये गुहार

देश
लव रघुवंशी
Updated Mar 16, 2020 | 11:45 IST

Nirbhaya Case update: निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह फांसी होनी है। लेकिन उससे पहले दोषियों के परिजनों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है।

Nirbhaya Case
निर्भया के दोषियों को 20 मार्च को सुबह होगी फांसी 

नई दिल्ली: निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होने में अब थोड़ा ही समय बचा है। 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी दी जाएगी। लेकिन इससे पहले दोषियों के परिजनों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। इच्छामृत्यु पाने वालों में बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और दोषियों के बच्चे हैं।

इस पत्र में लिखा है, 'हम आपसे (राष्ट्रपति) और पीड़िता के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे अनुरोध को स्वीकार करें और हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें और भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोकें, ताकि निर्भया जैसी दूसरी घटना न हो और अदालत को एक के बदले 5 लोगों को फांसी न देनी पड़े।'

पत्र में लिखा है, 'बदले का भाव तो शक्ति की परिभाषा नहीं है, माफ करने में ही शक्ति है। पवित्र पुस्तक रामायण भी यही कहती है।' इसमें लिखा है कि पाप, पापी व परिवार को समूल रूप से नष्ट करके भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध पर रोक लगाएं।

चौथी बार जारी हुआ है डेथ वारंट
चारों दोषियों के खिलाफ ये चौथा डेथ वारंट है, इससे पहले तीन बार इनकी फांसी की तारीख तय होने के बाद टल गई। किसी न किसी कानून अड़चन से ये बचते आ रहे हैं। लेकिन इस बार माना जा रहा है कि इनके सभी रास्ते बंद हो गए हैं। चौथा डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा था, 'फाइनली चौथी बार डेथ वारंट की डेट निकली है और अब उम्मीद करती हूं कि ये फाइनल डेट हो और इसी डेट पर इनको फांसी हो तथा निर्भया को इंसाफ मिले। इनकी हर कोशिश यही रहती है कि डेट को टाला जाए। अब उनके सारे कानूनी हथकंडे खत्म हो गए हैं। फिर भी जब तक उनको फांसी नहीं होती है तब तक हर पल ये लड़ाई जारी रहेगी। बड़ी जीत उसी दिन होगी जब चारों फांसी पर लटक जाएंगे।'

चलती बस में हुआ था गैंगरेप
23 साल की फिजियोथेरेपी इंटर्न के साथ 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिण दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप किया गया था। साथ ही उस पर बुरी तरह से हमला किया गया। कुछ दिनों बाद उसकी मौत सिंगापुर के एक अस्पताल में हो गई। इस मामले में ये चार दोषियों और एक नाबालिग सहित छह लोगों को आरोपी बनाया गया। आरोपी राम सिंह ने मामले में मुकदमा शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली। वहीं किशोर को 2015 में सुधार गृह में तीन साल बिताने के बाद रिहा कर दिया गया। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर