केंद्र सरकार ने चौंकाने वाले फैसले में तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी मे किसानों से अपील करते हुए कहा कि आइए एक नई शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही आंदोलनकारी किसानों से कहा कि वो अब अपने घरों पर लौट जाएं। पीएम मोदी के ऐलान के बाद किसानों की तरफ से मिली जुली प्रतिक्रिया आई। हालांकि गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों ने जलेबी बांटकर खुशी जताई।
केंद्र सरकार के फैसले पर अलग अलग प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार के फैसले पर कई किसान संगठनों की तरफ से अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया आई। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वो सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन जहां तक आंदोलन वापसी का सवाल है तो उस विषय में फैसला कल होने वाली बैठक में लिया जाएगा। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक कृषि कानूनों की वापसी संसद से नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसान आंदोलन ने कई रंग देखे
बता दें कि कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले साल दिल्ली की सीमाओं पर बैठे। किसान पिछले एक साल से आंदोलन पर थे। इस आंदोलन में कई तरह के रूप देखे जिसमें लालकिले पर हिंसा हुई। सरकारी तंत्र की तरफ से कहा गया कि उस आंदोलन में खालिस्तानी शामिल थे। इसके बाद अक्टूबर के महीने में जब लखीमपुर खीरी में हिंसा हुई जिसमें केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा नामजद किए गए तो हंगामा और बढ़ गया।
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