महापंचायत का किसानों से आह्वान- सभी गाजीपुर पहुंचे, आंदोलन को और मजबूत बनाएं

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Updated Feb 01, 2021 | 22:34 IST | भाषा

महापंचायत के मंच से भारतीय किसान यूनियन ने आह्वान किया कि आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए घर के सभी लोग, नहीं तो कम से कम एक सदस्य दिल्ली की सीमा पर यूपी गेट पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल हो।

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गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं किसान  |  तस्वीर साभार: AP

बिजनौर: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में बिजनौर में सोमवार को आयोजित चौथी महापंचायत ने आह्वान किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छोटे-छोटे प्रदर्शनों को समाप्त कर सभी लोग गाजीपुर पहुंचे और आंदोलन को मजबूत बनाएं। महापंचायत के मंच से भारतीय किसान यूनियन ने आह्वान किया कि आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए घर के सभी लोग, नहीं तो कम से कम एक सदस्य दिल्ली की सीमा पर यूपी गेट पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल हो।

भाकियू की किसान सम्मान महापंचायत में संगठन के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन के अध्यक्ष नरेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत ने कहा कि कृषि कानून पर समस्या का मनचाहा समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा, इसे और मजूबत बनाया जाएगा। अभी तक राजनीतिक दलों को आंदोलन से दूर रख रही भाकियू ने आज रालोद के नेता जयंत चौधरी को अपने मंच पर जगह दिया।

आंदोलन में आए राजनीतिक दल

गौरतलब है कि गाजीपुर में डेरा डाले हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में राजनीतिक दलों को नहीं घुसने दिया था लेकिन प्रदर्शन स्थलों पर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद उसने राजनीतिक समर्थन लिया है। आंदोलन में राजनीतिक दलों के औचित्य पर किए गए एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, 'संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है। प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया। इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है।'

'वापल लिए जाएं कानून'

बिजनौर के आईटीआई मैदान में आयोजित महापंचायत में गौरव टिकैत ने भाकियू नेताओं की बात को दोहराते हुए एक बार फिर से केन्द्र सरकार से कहा कि वह नए कृषि कानूनों को वापस लेने को मान-प्रतिष्ठा का प्रश्न ना बनाए। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार को परोक्ष रूप से चेताया कि वह किसानों के स्वभिमान को कुचलने का षड्यंत्र ना करे। महापंचायत के मंच से उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छोटे-छोटे प्रदर्शन कर रहे सभी किसान सीधा गाजीपुर पहुंचें और वहीं आंदोलन को शक्ति प्रदान करें।

मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत में भी हुईं महापंचायत

ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा और उसके बाद गाजीपुर में हुई पथराव की घटना के संदर्भ में भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव युद्दवीर सिंह ने केन्द्र आरोप लगाते हुए कहा, 'भारत सरकार ने जो षडयंत्र किया है उसके लिए प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) गुरुद्वारा शीशगंज जाकर माफी मांगें।' उन्होंने मंच से आह्वान किया कि आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए पूरा-पूरा परिवार, नहीं तो कम से कम प्रत्येक परिवार का एक सदस्य गाजीपुर पहुंचे। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी ने बेहद संक्षिप्त भाषण में कहा कि इस आंदोलन से पूरे उत्तर भारत में क्रांति की लहर है और प्रधानमंत्री को जनमत के आगे झुककर एक कदम पीछे लेना चाहिए। उन्होंने सोमवार को हुई महापंचायत को शक्ति प्रदर्शन बताते हुए अपने पिता अजीत सिंह की भूमिका का भी इसमे जिक्र किया। गौरतलब है कि इससे पहले मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत में तीन महापंचायतों का आयोजन हो चुका है। 

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