नई दिल्ली। कृषि कानून पर किसान संगठनों का आंदोलन अब सियासी हो चुका है तो उसके पीछे वजह भी है। गाजीपुर बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कहते हैं कि अगर कोई शख्स उनसे मिलने के लिए आएगा तो उसे मना कैसे कर सकते हैं, लेकिन मंच साझा नहीं करेंगे। उनके इस बयान के बाद गाजीपुर बार्डर पर सियासी पर्यटन शुरू हो गया। इससे इतर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी रामपुर के बिलासपुर में थीं जहां के एक शख्स नवरीत सिंह की मौत 26 जनवरी को आईटीओ पर हुई थी। उस मौत के बारे में तमाम तरह के सवाल उठे जैसे कि दिल्ली पुलिस की गोली में उस शख्स की मौत हुई थी हालांकि दिल्ली पुलिस ने आरोपों को नकार दिया। अब प्रियंका गांधी कि बिलासपुर दौरे पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसा है।
84 हिंसा का गिरिराज सिंह ने किया जिक्र
गिरिराज सिंह ने 1984 सिखों के खिलाफ हिंसा का जिक्र कर गांधी परिवार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने लिखा कि आज प्रियंका जी पीड़ितों के यहाँ राजनीति करने जा रही है ,काश एक बार, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा 84 सिख नरसंहार के पीड़ित से मिलने गए होते। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के मुद्दे पर या उनसे संबंधित किसी शख्स की मौत के बाद प्रियंका गांधी मलहम लगाने के लिए बिलासपुर जाती हैं तो 84 हिंसा के शिकार हजारों परिवार ऐसे हैं जिन्हें गांधी परिवार की सद्भावना भरे व्यहार का इंतजार है।
आवाज को दबा रही है केंद्र सरकार
प्रियंका गांधी ने कहा कि सच तो यह है कि इस सरकार में लोगों की आवाज दबाई जा रही है। जो कोई सरकार की नीतियों से इत्तेफाक नहीं रखता है उसे देशद्रोही करार दिया जाता है और इस तरह का माहौल बनाया जा रहा है कि कोई भी शख्स अपनी बात न कह सके। विदेशी जमीन से जब सरकार के समर्थन में आवाजा उठती है तो वो सबकुछ सही है लेकिन कोई विरोध में बात करता है तो वो संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है।
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