नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन रविवार को 18वें दिन में प्रवेश कर गया। किसान कृषि कानूनों को खत्म करने की अपनी मांग पर अड़े हैं। सरकार के साथ उनकी पांच दौर की वार्ता के बाद भी समस्या का हल नहीं निकल सका है जिसके बाद उन्होंने अपने आंदोलन को और तेज करने की धमकी दी है। किसानों को कहना है कि वे 14 दिसंबर को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे। किसान नेता कंवलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि रविवार को हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग के रास्ते सुबह 11 बजे अपने ट्रैक्टरों से ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करेंगे।
770 प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नए कृषि कानूनों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए देश भर में संवाददाता सम्मेलन, चौपाल और जन संपर्क कार्यक्रम शुरू किया है। भाजपा आने वाले दिनों में करीब 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस, सैकड़ों की संख्या में चौपाल और जन संपर्क अभियान चलाएगी।
कानूनों को खत्म करने पर अड़े हैं किसान
किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार यदि कानूनों को वापस लेने के बारे में यदि प्रस्ताव भेजती है तब वे उस पर विचार करेंगे। शनिवार को किसान कई टोल प्लाजा पर एकत्र हुए और उसे अपने नियंत्रण में लेते हुए टोल फ्री किया। इसी क्रम में भाकियू के 100 से अधिक किसान अंबाला-हिसार राजमार्ग पर टोल प्लाजा पर इकट्ठे हुए। टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने वाहनों को बिना शुल्क अदा किए जाने दिया।
टोल प्लाजा को लिया अपने नियंत्रण में
किसान हिसार जिले में भी चार टोल प्लाजा पर इकट्ठा हुए। इनमें हिसार-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग नौ पर मय्यर टोल प्लाजा, राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर बडो पट्टी टोल प्लाजा, हिसार-राजगढ़ रोड पर चौधरीवास टोल और हिसार-सिरसा रोड पर स्थित टोल प्लाजा शामिल हैं। प्रदर्शनकारी जींद-नरवाना राजमार्ग पर एक टोल प्लाजा, चरखी दादरी रोड पर टोल प्लाजा पर भी जमा हुए।
शनिवार रात खोला चिल्ला बॉर्डर
इस बीच, किसानों ने दिल्ली-यूपी सीमा पर चिल्ली बॉर्डर को यातायात के लिए शनिवार रात खोल दिया। चिल्ला बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह एवं नरेंद्र सिंह तोमार के आश्वासन के बाद चिल्ला बॉर्डर को खोलने का फैसला लिया गया। किसानों के आंदोलन में 'असमाजिक तत्वों' के शामिल होने के आरोपों पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को इस तरह के लोगों को पकड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें अपने आंदोलन में असमाजिक तत्वों के शामिल होने की जानकारी नहीं है।'
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