किसानों की ट्रैक्टर रैली पर SC ने कहा, दिल्ली में किसे आने देना है यह देखना पुलिस का काम 

किसान संगठनों एवं सरकार के बीच नौवे दौर की वार्ता के दौरान बीकेयू नेता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट यदि आदेश देता है तो किसान संगठन 26 जनवरी के दिन अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को वापस ले लेंगे।

Farmers' tractor rally: SC says entry in Delhi to be decided by Delhi Police
दिल्ली में किसे आने देना है यह देखना पुलिस का काम -सुप्रीम कोर्ट। 
मुख्य बातें
  • गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हैं किसान संगठन
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में किसे आने की इजाजत देनी है, यह पुलिस का काम
  • किसान संगठनों और सरकार के बीच नौ दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन हल नहीं निकला

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली कानून-व्यवस्था का विषय है और दिल्ली में किसे आने की इजाजत देनी है, इसके बारे में फैसला दिल्ली पुलिस को करना है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई अब 20 जनवरी के लिए टाल दी है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ आदेश पारित करने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले से निपटने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। 

दिल्ली में कौन आएगा यह देखना पुलिस का काम-SC
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'दिल्ली में दाखिल होने की किसे अनुमति मिलनी चाहिए, इस बारे में फैसला करने का पहला अधिकार दिल्ली पुलिस को है। राजधानी में किसे और कितने लोगों को दाखिल होने की इजाजत होनी चाहिए यह देखना पुलिस का काम है। हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।' कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा, 'हम आपको यह बताने नहीं जा रहे कि आपको क्या करना चाहिए। हम इस मामले पर अब 20 जनवरी को सुनवाई करेंगे। क्या भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट से यह जानना चाहती है कि उसे पुलिस एक्ट के तहत कौन से अधिकार मिले हुए हैं। आप कोर्ट से यह क्यों जानना चाहते हैं कि आपको अधिकार मिले हुए हैं?'

कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इंकार किया 
कोर्ट ने कहा, 'आपको ऐसा सोचना है कि हमें इम मामले में अधिकार मिला हुआ है तो ऐसा नहीं है। यह सोचना कि इस मामले में कोर्ट दखल देगा, यह आपकी एक बड़ी भूल है। रामलीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति के बारे में फैसला करना पुलिस का काम है।' तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान संगठन 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का अमादा हैं। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि किसान मई 2024 तक अपना आंदोलन जारी रखने के लिए तैयार हैं। टिकैत ने कहा, 'हमारी मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर कानूनी भरोसा दे।'

नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं किसान
किसान संगठनों एवं सरकार के बीच नौवे दौर की वार्ता के दौरान बीकेयू नेता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट यदि आदेश देता है तो किसान संगठन 26 जनवरी के दिन अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को वापस ले लेंगे। हालांकि, अब किसान संगठन गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने पर दृढ़ हैं। दिल्ली की सीमाओं पर किसान दो महीने से ज्यादा समय से धरने पर बैठे हैं। सिंघु बार्डर पर मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा, 'गणतंत्र दिवस के दिन हम आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। यह रैली शांतिपूर्ण होगी। रिपब्लिक डे परेड पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। किसान अपने ट्रैक्टर पर राष्ट्रीय ध्वज लगाएंगे।' 

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