Farmers Agitation: किसान संगठनों के तेवर और हुए सख्त, कांग्रेस भी राष्ट्रपति को सौंपेगी 2 करोड़ दस्तखत

देश
ललित राय
Updated Dec 23, 2020 | 00:06 IST

कृषि कानूनों के मुद्दे पर क्या केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच सहमति बन पाएगी। सवाल इसलिए है कि क्योंकि केंद्र सरकार के आश्वासन के बावजूद भी किसान संगठनों के तेवर ढीले नहीं पड़ रहे हैं।

Farmers Agitation: किसान संगठन के तेवर और हुए सख्त, कांग्रेस भी राष्ट्रपति को सौंपेगी 2 करोड़ दस्तखत
कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के तेवर सख्त 
मुख्य बातें
  • कृषि कानून के खिलाफ पिछले 27 दिन से दिल्ली की सीमा पर डटे हैं किसान
  • किसान संगठनों की मांग केंद्र सरकार पहले कानून को रद्द करे
  • कांग्रेस ने भी राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षर सौंपने का किया है फैसला

नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठन पिछले 27 दिनों से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं उनकी सिर्फ एक ही मांग की काले कृषि कानूनों को केंद्र सरकार खारिज करे तो ही बातचीत करने का कोई अर्थ है। इन सबके बीच मंगलवार को पश्चिमी यूपी के कुछ किसान संगठनों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और कहा कि वो कृषि कानूनों में संशोधन के खिलाफ है। इन सबके बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि उसे पास दो करोड़ हस्ताक्षर हैं जो केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ है और वो लोग 24 दिसंबर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मिलेंगे। 

'90 फीसद किसानों ने कानून नहीं पढ़ा है'
कृषि मंत्री के साथ बैठक के बादइंडियन किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी राम कुमार वालिया, ​ कानून ठीक हैं लेकिन जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं उनको दूर करने की जरूरत है, 90% किसानों ने कानून नहीं पढ़ा है। मेरा प्रदर्शनकारियों से आग्रह है कि आंदोलन में राजनीति हावी न होने दें। उन्होंने कहा कि किसानों की चिंता जायज है। लेकिन हमें यह देखना होगा कि उनकी मांग कितनी जायज है।

बातचीत पर किसान संगठनों ने फैसला टाला

केंद्र सरकार के रवैये पर किसान संगठनों का कहना है कि सरकार किसानों में फूट डाल रही है। लेकिन वो अपने आंदोलन को कमजोर नहीं पड़ने देंगे। उनकी सरकार से अब एक ही मांग है कि जब लो संशोधनों के लिए तैयार है तो कृषि कानून को पूरी तरह से खारिज करने में क्या दिक्कत है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के साथ बातचीत के मुद्दे को बुधवार के लिए टाल दिया है, हालांकि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि सरकार खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है।

2 करोड़ दस्तखत सौंपने की योजना
इसके साथ ही कांग्रेस का कहना है कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रुख से हर कोई हैरान है, यह सरकार अंहकार में चूर होकर किसानों की मांगों पर विचार नहीं कर रही है। किसानों के मुद्दे पर पार्टी ने आम लोगों से मिलकर उनके मूड को समझने की कोशिश की तो पता चला कि आम लोग भी सरकार के नजरिये और प्रयासों से सहमत नहीं हैं।

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