नई दिल्ली। कृषि कानून के मुद्दे पर विपक्ष और केंद्र सरकार में ठन गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब में ट्रैक्टर यात्रा के जरिए खेती बचाओ का ना सिर्फ नारा दिया बल्कि यहां तक कह दिया कि सरकार में आने पर कृषि कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे। दो दिन पहले वाले इस बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जमकर भड़ास निकाली और कहां कि राहुल जी से आप इससे अधिक उम्मीद नहीं कर सकते हैं। जिस शख्स को रबी और खरीफ सीजन के बारे में न पता हो वो कृषि कानून पर क्या बात करेगा। इन सबके बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आंध्र प्रदेश में खेतों में उतरीं और किसानों को न केवल कानून के बारे में जानकारी बल्कि उन्हें आश्वस्त किया कि उनके हितों पर किसी तरह की चोट नहीं पहुंचेगी।
राहुल गांधी का यह है कहना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि आज से 6 महीने पहले कोरोना पर जब वो सरकार से सवाल करते थे तो उनका मजाक बनाया जाता था।लेकिन आज क्या हो रहा है सबके सामने हैं। इसके साथ ही आज वो फिर दोहरा रहे है कि कृषि कानून भारतीय किसानों के हित में नहीं बल्कि यह कानून बुनियादी व्यवस्था को तोड़ देगी। जब वो इस तरह की शंका जाहिर करते हैं और उसे हवा में उड़ा दिया जाता है। लेकिन हकीकत एक न एक दिन सामने आ ही जाती है।
राहुल के आरोप पर केंद्र सरकार का यह है जवाब
राहुल गांधी के इस तरह के आरोप पर केंद्र सरकार का तर्क है कि अगर कृषि कानून पर किसानों में गुस्सा है तो वो देश के अलग अलग हिस्सों में क्यों नहीं दिखाई देता है, आखिर कांग्रेस को पंजाब में इतनी दिलचस्पी क्यों है। इस सवाल का जवाब देते हुए सरकार का कहना है कि कांग्रेस को किसानों की चिंता नहीं बल्क कमीशन एजेंटों की चिंता है। अगर पंजाब में विरोध को देखें तो आप पाएंगे की वहां पर 20 हजार से ज्यादा कमीशन एजेंटों की है और कांग्रेस के लिए परेशानी की बात है कि उनके हित में बात करने वाले हथियार को मोदी सरकार ने कुंद कर दिया है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।