नई दिल्ली। पाकिस्तान की पहचान दुनिया के दूसरे मुल्कों में एक ऐसे देश की बन चुकी है जो अमन का दुश्मन है, यह बात अलग है कि दूसरे मुल्कों की जमीन पर निगाह गड़ाए बैठे उसका सदाबहार दोस्त चीन साथ खड़ा रहता है। फाइनेंसियल एक्शन टॉस्क फोर्स की लिस्ट में वो ग्रे लिस्ट में और फैसला इस बात पर होना है कि वो ब्लैक लिस्ट में डाला जाता है या नहीं। इन सबके बीच भारत ने पुख्ता तौर पर एफएटीएफ को बताने की कोशिश की है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के संबंध में क्या किया है।
6 मुख्य बिंदुओं पर पाकिस्तान ने नहीं की कार्रवाई
भारत का कहना है कि एफएटीएफ ने जिन 27 एक्शन का जिक्र किया था उसमें से पाकिस्तान 21 पर एक्शन करने का दावा करता है लेकिन सच ये है है कि आतंकी केंद्र उसकी जमीन पर बिना किसी रोक टोक के चल रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया कि एक तरफ तो आतंकी तंजीमों के खिलाफ पाकिस्तान कार्रवाई किए जाने की बात करता है। लेकिन यूएन द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों आतंकियों जैसे मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, जकुउर रहमान लखवी के खिलाफ कार्रवाई की बात आती है तो वो कन्नी काट जाता है।
आतंक से पीड़ित लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि ऐसे में इमरान खान सरकार के वादों और दावों पर कितना भरोसा किया जा सकता है।पाकिस्तान के सामने कार्रवाई के लिए जो 27 विषय थे उनमें से 6 महत्वपूर्ण विषयों पर कार्रवाई नहीं की है। सच यह है कि पाकिस्तान आतंक के कुछ खास आकाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता है, तब तक इस वैश्विक चुनौती के खिलाफ उसकी लड़ाई को आधा अधूरा ही माना जाएगा। उन्होंने कहा कि इमरान सरकार के सामने जब कोई पुख्ता जानकारी रखी जाती है तो सरकार का नजरिया बदल जाता है। सच यह है कि एक तरफ वो खुद को आतंक का मारा देश बताता है तो दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय समाज की नजरों में धूल झोंकता है।
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