नई दिल्ली। कम से कम 24 देशों के राजनयिक 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से सुरक्षा स्थिति और हालातों का जायजा लेने के लिए बुधवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। यह डेढ़ साल में तीसरा दौरा है। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि चिली, ब्राजील, क्यूबा, बोलीविया, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, पुर्तगाल, यूरोपीय संघ, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, इटली, बांग्लादेश, मलावी, इरिट्रिया, कोट डिवार, घाना, सेनेगल, मलेशिया, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के राजनयिक श्रीनगर और जम्मू का दौरा कर रहे हैं।
बातचीत का मिला अवसर
बडगाम (जेएंडके) डीडीसी के चेयरमैन नजीर अहमद ने कहा कि पद ग्रहण किए हुए एक महीने का समय बीत चुका है और हमें विदेशी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। हमने अपनी विकास योजनाओं, काम किए गए और किए गए कार्यों के बारे में बातचीत की।
डीडीसी नतीजों के बाद महत्वपूर्ण दौरा
2019 के बाद से हुए कई विकासों के मद्देनजर महत्व रखती है। राज्य के केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठित होने के तुरंत बाद, केंद्र ने कम्युनिकेशन ब्लॉकेड कर दिया था और आतंकवाद और हिंसा के खतरों को देखते हुए कई राजनेताओं को हिरासत में लिया था।न केवल 4 जी इंटरनेट सहित संचार बहाल कर दिया गया है, बल्कि सभी राजनेताओं को भी स्वतंत्र कर दिया गया है।
जमीनी स्तर पर लोकतंत्र हुआ मजबूत
केंद्र शासित प्रदेश में जिला विकास परिषद और ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव भी सफल रहे, जिससे जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र मजबूत हुआ। 2019 से कुछ नए राजनीतिक दल भी उभरे हैं। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी सामान्य राजनीतिक गतिविधियों को भी फिर से शुरू कर दिया है।सूत्रों ने कहा कि राजनयिक यात्रा के दौरान वे विभिन्न राजनीतिक दलों और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे, ताकि जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।
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