Hathras Case: संदिग्ध PFI मेंबर्स अरेस्ट, देशद्रोह आरोप सहित कई FIR दर्ज, जातिगत संघर्ष भड़काने का आरोप

Hathras Case Update: दिल्ली से हाथरस जा रहे चार संदिग्धों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, बताते हैं कि उनका संबध PFI से है। इस मामले में प्रदेश सरकार ने पहले ही कुछ एफआईआर दर्ज कराई हैं।

pfi members arrest in harhras case
प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की 18 अन्य धाराओं और आईटी कानून की एक धारा का भी जिक्र है 

लखनऊ: हाथरस मामले (Hathras Case) में पुलिस ने दिल्ली से हाथरस जा रहे चार व्यक्ति मथुरा से पकड़े  हैं, बताया जा रहा है कि उनका पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ लिंक मिला है। वहीं दलित युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत की घटना को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने जातिगत संघर्ष भड़काने के प्रयास करने से लेकर देशद्रोह तक के आरोपों में राज्य भर में 19 प्राथमिकियां दर्ज की हैं।

 हाथरस जिले के चंदपा थाने में ‘अज्ञात लोगों’ के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने जातिगत संघर्ष भड़काने, समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की है, साथ ही इन सभी के खिलाफ राजद्रोह (124ए) का मामला भी दर्ज किया गया है।

पुलिस ने आईटी कानून की धारा 67 को भी इसमें शामिल किया है जो इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अश्लील सामग्री साझा करने से जुड़ी है। यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि हाथरस मामले में चार संदिग्ध गिरफ्तार किए गए हैं।

दर्ज हुई प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की 18 अन्य धाराओं और आईटी कानून की एक धारा का भी जिक्र है।लखनऊ में पुलिस के अपर महानिदेशक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी ही प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं। उन्होंने बताया कि हाथरस जिले के विभिन्‍न थाना क्षेत्रों में छह मामले दर्ज किए गए हैं, उनके अलावा बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, अयोध्‍या और लखनऊ में और 13 प्राथमिकियां दर्ज हुई हैं। इन प्राथमिकियों में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट का भी जिक्र है।

हाथरस मामले से जुड़ी वेबसाइट की फंडिंग पर ED की नजर 

हाथरस मामले में सोमवार को एक नया खुलासा हुआ, सुरक्षा एजेंसियों के हाथ इस बात के सबूत लगे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि हाथरस की घटना का इस्तेमाल करके उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार को जातिगत आधार पर बदनाम करने की साजिश रची गई थी और इसी बहाने दंगे भड़काने की भी कोशिश की गई थी,इस मामले के सामने आने के बाद अब कहा जा रहा है कि जिस वेबसाइट का सहारा लेकर प्रदेश भर में जातीय दंगा फैलाने की कोशिश की गई, उसकी फंडिंग की जांच प्रवर्तन निदेशालय करेगा।प्रवर्तन निदेशालय ने वेबसाइट के जरिये फंडिंग के मामले में अपनी छानबीन शुरू कर दी है और जल्द मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी है।

दलित युवती के साथ कथित रूप से  गैंगरेप की घटना के बाद हुई थी मौत

हाथरस जिले में 14 सितंबर को 19 साल की दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद करीब एक पखवाड़े बाद उसने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। कथित रूप से माता-पिता की राजामंदी के बगैर देर रात उसका अंतिम संस्कार कर दिए जाने से मामला और बिगड़ गया।युवती के पीड़ित परिवार से मिलने सोमवार को हाथरस पहुंचे आप के शिष्टमंडल पर एक व्यक्ति ने स्याही फेंक दी, घटना में सांसद संजय सिंह का कुर्ता खराब हो गया।

वह व्यक्ति नारे लगा रहा था 'पीएफआई दलाल वापस जाओ।' यहां पीएफआई का संदर्भ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से है, जिस पर अतीत में आदित्यनाथ सरकार द्वारा चरमपंथी समूह होने का आरोप लगाया गया है। लखनऊ में शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें हाथरस घटना से जुड़े पोस्टर लगाने जाने से रोका और घर में घंटों नजरबंद करके रखा। पुलिस ने इन आरोपों से इंकार किया है।

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