नई दिल्ली : मरकज निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है। ये दोनों लोग अभी नरेला के एक क्वरंटाइन सेंटर में हैं। पुलिस में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 'सफाईकर्मियों को एक कमरे के सामने मानव मल मिला है।' प्राथमिकी में यह भी कहा गया है कि इस कमरे में रहने वाले दो लोग स्वास्थ्य विभाग और सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे यहां पर रखे गए लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है साथ ही संक्रमण रोकने के जो उपाय किए जा रहे हैं उन पर भी संकट आ गया है।
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक केंद्र के सफाई कर्मचारियों से दोनों लोगों द्वारा उनके कमरे के बाहर मलत्याग किए जाने की जानकारी मिली थी जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। यह घटना क्वरंटाइन केंद्र की दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 212 के सामने की है।
देश में कोविड-19 से संक्रमण की संख्या बढ़ाने में तब्लीगी जमात की बड़ी भूमिका सामने आई है। मार्च मध्य में मरकज के कार्यक्रम में शरीक हुए लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। बताया जा रहा है कि यहां से जमात के लोग करीब 17 राज्यों में गए हैं और इसके बाद इन राज्यों में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को अपनी ब्रीफिंग में बताया कि जमात के 25,500 से ज्यादा लोगों को क्वरंटाइन में रखा गया है।
नरेला के अलावा देश के अन्य भागों में जमात और उससे जुड़े लोगों को क्वरंटाइन सेंटर में रखा गया है। ऐसी कई रिपोर्टों आई हैं जिनमें कहा गया है कि जमात से जुड़े लोग चिकित्सा जांच में डॉक्टरों एवं नर्सों का सहयोग नहीं कर रहे हैं और उनकी तरफ से गैर-जरूरी मांग की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि इन लोगों का यह रवैया इस पूरे अभियान को खतरे में डाल रहा है। कई नेताओं ने जमात से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की है।
इस बीच, मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में तब्लीगी जमात के 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। सरकारी के आदेशों एवं क्वरंटाइन निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप पर इनके खिलाफ आईपीसी की धीरा 271 के तहत केस दर्ज हुआ है।
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