नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को लेकर जारी चर्चाओं के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की उस चेतावनी से इसे लेकर संदेह पैदा हो गया है कि क्या यह वाकई उतनी कारगर है, जितना कि इसे बताया जा रहा है? स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को ही कहा था कि यह कोरोना के इलाज की कोई स्वीकृत पद्धति नहीं है और अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हुआ तो इससे मरीज की जान को खतरा भी पैदा हो सकता है। इन सबके बीच महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि इसका पहला प्रयोग राज्य में सफल रहा है और वे इसे लेकर आशान्वित हैं।
'मुंबई में ट्रायल सफल रहा'
महाराष्ट्र में मुंबई के लीलावती अस्पताल में कोरोनो के एक मरीज पर प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल किया गया, जो सफल रहा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा, 'मुंबई के लीलावती अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी का पहला केस सफल रहा। हम मुंबई में BYL नायर अस्पताल में एक अन्य मरीज पर इसका दूसरा प्रयोग करने जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह भी सफल रहेगा।'
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि एक दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी कोई स्वीकृत तरीका नहीं है। यह अभी प्रयोग के दौर में है और ICMR से मंजूरी के बगैर इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि अगर इसमें कोई चूक हो गई तो इससे मरीज की जान तक को खतरा हो सकता है।
एम्स भी करेगा क्लिनिकल ट्रायल
प्लाज्मा थेरेपी को लेकर जारी चर्चाओं के बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भी इसके क्लीनिकल ट्रायल की योजना बना रहा है और भारतीय औषधि महानियंत्रक (DCGI) से मंजूरी लेने की दिशा में काम कर रहा है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 के उपचार के लिए यह पद्धति अभी 'प्रायोगिक चरण' में है और कोरोना संक्रमित मरीजों पर इसके नियमित इस्तेमाल के लिए अभी और रिसर्च व परीक्षण की आवश्यकता है।
यहां उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार भी प्लाज्मा थेरेपी को लेकर कह चुकी है कि इसके उत्साहवर्धक परिणाम आए हैं, जिसके बाद इस घातक संक्रमण की चपेट में आकर ठीक हुए सैकड़ों लोगों ने अपना रक्त प्लाज्मा डोनेट करने को लेकर सहमति जताई थी। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी के बाद फिलहाल कई जगह इसे रोक दिया गया है।
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