हरिद्वार: कोरोना महामारी के बीच महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ के पहले शाही स्नान में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। हरिद्वारा के हर की पैड़ी स्थित ब्रहमकुंड में गंगा में डुबकी लगाने आए सात संन्यासी अखाड़ों के साधु संतों ने अपने काफिले के साथ यहां शिरकत की और इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर हेलीकॉप्टर से भी पुष्पवर्षा की गई। खुद मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद रहकर साधु संतों पर पुष्पवर्षा की।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरूवार को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा से प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री जी का शाही स्नान करने पहुंचे साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने स्वागत किया।
हरिद्वार में पहली बार किन्नर अखाड़े ने किया जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान किया। सबसे पहले जूना के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी ने गंगा में डुबकी लगाई। इसके बाद जूना अखाड़े के सहयोगी के रूप में किन्नर अखाड़ा ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में पहली बार आज हरिद्वार महाकुंभ में शाही स्नान किया।
महाशिवरात्रि पर संन्यासी अखाड़ों के हज़ारों नागा साधु—संतों ने हर हर महादेव के जयघोष के साथ ब्रह्मकुंड पर गंगा में डुबकी लगाकर शाही स्नान किया। हरिद्वार कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े के साथ स्नान किया। गंगा के विभिन्न घाटों पर ब्रह्ममुहूर्त में ही स्नान शुरू हो गया था जो देर शाम तक जारी रहा।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाही स्नान के लिये पहले जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज की अगुवाई में श्रीपंच दशनाम जूना, श्री शंभू पंच अग्निअखाड़ा, श्रीपंच दशनाम आह्वान अखाड़ा के नागा साधु, संतों व दर्ज़नों महामंडलेश्वर अपने अपने रथों पर सवार होकर निकले।
साथ मे किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर संतों व अन्य संतो ने जुलूस की शक्ल में बैंड बाजों तथा अन्य वाद्य यंत्रों के साथ हरकी पैड़ी पहुंच कर ब्रह्मकुंड में क्रमवार स्नान किया।
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