पटना : बिहार में बाढ़ से बुरा हाल है। राज्य में लगातार बारिश होने की वजह से नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। दरभंगा, सीतामढ़ी एवं गोपालंगज सहित कई जिले बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ का पानी गांवों में दाखिल हो जाने से लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। चारों तरफ पानी जमा होने से पशुओं के लिए चारे की समस्या खड़ी हो गई है। कई जगहों पर नदियों पर बने बांध टूटने की खबर है। गोपाल में गंडक नदी का तटबंध टूटन से दर्जन भर से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। सारण में तटबंध टूटने की खबर है। बताया जा रहा है कि यहां बाढ़ का पानी सड़क पर बहने लगा है। गंडक के मुख्य तटबंध के गुरुवार देर रात देवापुर में टूटने की बात भी सामने आई है।
मुजफ्फरपुर में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। भारी बारिश होने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गांव के एक व्यक्ति रविरंजन कुमार भारती का कहना है कि हम अपना नियमित काम नहीं कर पा रहे हैं। सबकुछ बंद है और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। लोगों का कहना है कि गांव पानी से भर गया है। ऐसे में उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है।
गंडक नदी उफान पर
गोपालगंज के गुमरीघाट पर गंडक नदी उफान पर है। गंडक नदी 64.12 मीटर के स्तर पर बह रही है। यह पिछले साल के 64.1 मीटर के स्तर से अधिक है। गोपालगंज में तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी बरौली और मांझा प्रखंड के 12 से अधिक गांवों में घुसने लगा है। बाढ़ से करीब 45 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं। बताया जा रहा है कि नेपाल ने अपने वाल्मीकी नगर बराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है जिसके बाद गोपालगंज में गंडक नदी बेकाबू हो गई है।
बिहार के 10 जिलों की 765191 आबादी बाढ से प्रभावित
बिहार के 10 जिलों की 765191 आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गयी है जिनमें से 36448 लोगों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 10 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण एवं खगडिया जिले के 64 प्रखंडों के 426 पंचायतों की 636311 आबादी बाढ़ से प्रभावित है जहां से हटाये गए 13877 लोग 28 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं ।
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