कब तक विधायकों को होटल में रखेंगे सीएम हेमंत सोरेन, बाहर आते ही भाग जाएंगे, झारखंड सियासी संकट पर बोले बाबूलाल मरांडी

 झारखंड के राजनीतिक संकट पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन अपने ही विधायकों से डरते हैं, कब तक विधायकों को होटल में रखेंगे, बाहर आते ही भाग जाएंगे।

For how long will CM Hemant Soren keep the MLAs in the hotel, Babulal Marandi said on Jharkhand political crisis
बीजेपी नेता और झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन अपने ही विधायकों से डरते हैं।
  • सत्ता में आने के बाद सोरेन ने कोई काम नहीं किया है।
  • सीएम और उनके सहयोगियों ने खूब कमाया।

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर चुनाव आयोग की राय पर यूपीए विधायकों राज्यपाल से जवाब मांगे। इस पर झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्यपाल के पास आज कोई कागजात आए हैं तो वे अपने विशेषज्ञों से भी राय लेंगे, आप उन पर दबाव नहीं बना सकते हैं। झारखंड के राजनीतिक संकट पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन अपने ही विधायकों से डरते हैं क्योंकि सत्ता में आने के बाद से 32 महीनों में उन्होंने कोई काम नहीं किया है, लेकिन सीएम और उनके सहयोगियों ने बहुत कमाया है। यूपीए विधायकों के होटल में रखने पर उन्होंने कहा कि आप उन्हें कब तक किसी होटल में बंद करके रख सकते हैं? वहां से निकलने के बाद, वे भाग जाएंगे। कोई आपका पालतू तभी बनता है जब आप उन्हें प्यार, समय पर भोजन, सम्मान देते हैं।

दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले दो दिनों से एक रिसॉर्ट में रह रहे झारखंड में सत्ताधारी यूपीए के विधायकों ने गुरुवार को दावा किया कि उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है और लोकतंत्र की रक्षा करना उनका अधिकार है। विधायकों ने यह भी कहा कि बीजेपी से पूछा जाना चाहिए कि ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई है कि सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को रायपुर में आकर रहना पड़ा। झारखंड के चार विधायक दीपिका पांडे, सुदिव्य कुमार, भूषण बारा और स्टीफन मरांडी झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ मीडिया से बातचीत करने रिसॉर्ट से बाहर आए।

रिसार्ट में पिकनिक मनाने के बीजेपी के आरोप को लेकर किए गए सवाल पर विधायक पांडेय ने कहा कि ऐसी बात बीजेपी को कहने का कोई अधिकार नहीं है। आप लोग तो हम लोगों से सवाल कर पाते हैं। क्या आप लोगों ने यह सवाल असम में किया जब महाराष्ट्र के लोगों के साथ तमाशा किया गया? वह जून में महाराष्ट्र में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत के बाद एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों के असम के एक होटल में रहने का हवाला दे रही थीं। शिंदे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। पांडे ने कहा कि विधायक यहां अपने खर्चे पर रहे रहे हैं और उन्हें किसी का पैसा खर्च कराने की जरूरत नहीं है।

विधायक ने कहा कि झारखंड में 50 की संख्या में हमारे विधायक हैं इसके बावजूद हमारे सरकार को अस्थिर करने का प्रयास हो रहा है। यह बहुत शर्मनाक है। आप लोगों को यहां नहीं गृह मंत्री (अमित शाह) और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) से सवाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम यहां हैं लेकिन झारखंड में आज की कैबिनेट बैठक में लोगों के हित में लिए गए निर्णयों के कारण हमारे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में, रांची में त्योहार जैसी स्थिति है। पांडे ने कहा कि हम उनकी खुशियों में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। हम उनकी तकलीफ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। लेकिन जिनसे सवाल पूछे जाने चाहिए उनसे सवाल नहीं पूछा जा रहा है, हमसे सवाल पूछा जा रहा कि हम पिकनिक मना रहे हैं। हम लोग गंभीर विधायक हैं। पूछा गया कि क्या इस बात की आशंका है कि विधायकों को खरीदा जा सकता है तो पांडे ने कहा कि आपके घर में चोरी का डर रहेगा तब क्या आप ताला नहीं लगाएंगे। हम लोग अपनी बहुमत की सरकार को बचाना चाहते हैं। यह हमारा अधिकार है कि हम लोकतंत्र की रक्षा करें।

झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन ने राज्य में राजनीतिक संकट के बीच मंगलवार को अपने 32 विधायकों को रायपुर भेज दिया था। विधायक नवा रायपुर के आलीशान रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं। वहीं रिसॉर्ट में ठहरे चार मंत्री गुरुवार की कैबिनेट की बैठक में शामिल होने वापस रांची चले गए थे जबकि एक अन्य विधायक रांची से रिसॉर्ट पहुंचे। राज्य में कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संप्रग विधायकों के साथ रायपुर नहीं आए हैं, लेकिन झामुमो के कुछ वरिष्ठ नेता उनके साथ हैं।

झारखंड के विपक्षी दल बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद के मामले में निर्वाचन आयोग में याचिका दायर की थी। निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है। इधर, झामुमो ने बीजेपी पर विपक्षी दलों की सरकारों को अस्थिर करने और आतंकित करने की कोशिश का आरोप लगाया। झामुमो का मानना है कि बीजेपी महाराष्ट्र की तरह झारखंड में सरकार गिराने के लिए उनके और कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने का गंभीर प्रयास कर सकती है, इसलिए विधायकों को सुरक्षित जगह में रखने की जरूरत है।
 

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