नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठन आंदोलल कर रहे हैं। लेकिन आंदोलन के पीछे क्या कोई और ताकत है इसे लेकर गाहे बेगाहे शक होने लगता है। दरअसल दिल्ली पुलिस ने 23 जनवरी को बताया था कि किस तरह से कुछ विदेशी ताकतें आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश में हैं और वो हकीकत में तब्दील होते नजर आया जब अमेरिका पॉप स्टार रिहाना और स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया। ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट में टूलकिट का जिक्र हुआ है जिस पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने भी प्रतिक्रिया दी है।
टूलकिट से बहुत कुछ पता चला है
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि टूलकिट से बहुत कुछ पता चला है। हम इंतजार करना और देखना चाहते हैं कि और क्या निकलता है। एक कारण था कि विदेश मंत्रालय ने उन बयानों पर प्रतिक्रिया दी, जो कुछ हस्तियों ने उन मामलों पर दी थीं, जिन पर वे स्पष्ट रूप से बहुत कुछ नहीं जानते थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विदेशी सेलिब्रिटी की तरफ से बयान आए उस हालात में विदेश मंत्रालय की तरफ से टिप्पणी जरूरी थी।
किसान आंदोलन पर रिहाना और ग्रेटा ने किया था ट्वीट
बता दें कि अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना के ट्वीट के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया हालांकि बाद में ट्वीट को हटा लिया। लेकिन तब तक शायद उनके लिए देर हो चुकी थी और असली इरादे सबके सामने आ गए। टूलकिट के जरिए यह बताया गया था कि किस तरह से आंदोलनकारी अपने आंदोलन को वैश्विक स्तर पर आगे ले जा सकते हैं और वो एक बड़ी वजह बनी जब दिल्ली पुलिस ने टूलकिट के लेखक के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
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