लखनऊ : थाइलैंड के पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री कॉर्न डब्बारनसी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके देश में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि भारत एवं यूपी के साथ थाइलैंड के सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक संबंध काफी मजबूत हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एवं विदेशी निवेश मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, एमएसएमई के प्रधान सचिव नवनीत सहगल के साथ वेबीनॉर के जरिए हुई बैठक में थाईलैंड के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने यह बातें कहीं।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए सोमवार को यह अहम बैठक हुई। इस बैठक के दौरान बातचीत में कॉर्न ने सिंह से कहा कि उनके देश से एमएसएमई शिष्टमंडल अक्टूबर में राज्य का दौरा करेगा और इस दौरान सहमति पत्र (एमओयू) पर अंतिम रूप दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश का एमएसएमई विभाग राज्य में सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जाना जाता है।
थाईलैंड में अयोध्या नाम का शहर
दोनों देशों के सांस्कृतिक एवं धार्मिक संबंधों की मजबूती का जिक्र करते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि थाईलैंड में भी अयोध्या नाम का एक शहर है और वहां पर राम मंदिर भी है। कॉर्न ने कहा, '15वीं शताब्दी में थाईलैंड की राजधानी अयाथ्या थी जिसका असली नाम अयोध्या था।' उन्होंने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) की तर्ज पर हमारे देश में 'वन टैमबॉन, वन प्रोडक्ट' (ओटीओपी) योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना थाईलैंड में काफी मशहूर है।'
एमएसएमई से दोनों जगहों को होगा लाभ
उन्होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं ने एमएसएमई सेक्टर को काफी मजबूती दी है। इससे छोटे कारोबारियों, हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योगों को काफी लाभ हुआ है। ऐसे में थाईलैंड से यदि तकनीक यूपी को मिलती है तो दोनों जगहों के एमएमएमई उद्योग को काफी फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि स्थितियां सामान्य होने पर उनका देश उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण का एक क्लस्टर लगाएगा। इस दौरान एमएसएमई मंत्री ने थाईलैंड के शिष्टमंडल को यूपी की क्षमताओं एवं संभावनाओं के बारे में जानकारी भी दी। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के व्यापक उपभोक्ताओं की संख्या देखते हुए किसी भी निवेशक के लिए यह राज्य एक बड़ा बाजार है।
उत्तर प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई
इस बातचीत के दौरान सहगल ने कॉर्न को बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब 90 लाख एमएसएमई हैं जो कि देश में यह सर्वाधिक संख्या है। उन्होंने बताया कि उद्योग खड़ा करने के लिए राज्य के पास पर्याप्त मात्रा में जमीन है। राज्य में स्किल्ड मानव संसाधन की उपलब्धता निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाती है। विदेशी निवेश आकर्षित के लिए एमएसएमई मंत्री की वेबीनॉर के जरिए यह पांचवी बैठक थी।
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