जानिए कौन है वह IAS जिसे PM ने पॉलिटिक्स के जरिए 'मिशन यूपी' पर भेजा, रह चुके हैं मोदी की 'आंख और कान'

देश
किशोर जोशी
Updated Jan 16, 2021 | 08:32 IST

पूर्व IAS अरविंद कुमार शर्मा को बीजेपी में शामिल कर अब यूपी में होने वाले विधान परिषद चुनावों के पार्टी का उम्मीदवार भी बना दिया गया है।

Former IAS Arvind Sharma joins BJP and nominated to MLC buzz about his next assignment
वह IAS जिसे PM मोदी ने पॉलिटिक्स के जरिए 'मिशन यूपी' पर भेजा 
मुख्य बातें
  • उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए अरविंद कुमार शर्मा
  • अरविंद कुमार शर्मा पीएम मोदी के साथ गुजरात से साथ काम करते हुए आ रहे हैं
  • बीजेपी ने अरविंद शर्मा को विधान परिषद का उम्मीदवार बनाकर दिए साफ संकेत

नई दिल्ली: यूपी में अगले साल साल होने वाले चुनाव से पहले पीएम मोदी ने 'मिशन यूपी' के लिए अपने एक खास सिपाहसलार को भेजा है। यह वह शख्स हैं पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा,  जिन्हें मोदी की 'आंख और कान' तक कहा जाता है। अरविंद कुमार शर्मा तब से पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस दौरान उन्होंने कई बार पीएम मोदी के संकटमोचक की भूमिका भी अदा की। इसके बाद मोदी जहां-जहां रहे, वहां-वहां शर्मा जी भी मौजूद रहे।

मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?

अब पीएम मोदी ने अपने इस भरोसेमंद सिपाहसलार को यूपी भेजा है तो जरूर कोई बात होगी। बीजेपी में शामिल होते ही अरविंद शर्मा को विधान परिषद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया जिससे साफ है कि यूपी की राजनीति में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। कहा जा रहा है कि यूपी का ताकतवर नौकरशाही लॉबी में अरविंद शर्मा पर कंट्रोल रखेंगे और यहां चल रही हर परियोजनाओं पर बारीकी से नजर बनाए रखेंगे। 

कौन हैं अरविंद शर्मा
अरविंद शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ से ताल्लुक रखते हैं। उनका गांव काझाखुर्द,  मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के रानीपुर विकास खंड में आता है।  गांव के स्कूल से पढ़ाई करने वाले अरविंद ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक और परास्नातक किया और फिर पीएचडी। शुरूआत से पढ़ने में तेज अरविंद शर्मा ने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और सलेक्शन भी हो गया। शुरूआती पोस्टिंग के बाद अरविंद शर्मा को गुजरात के विभिन्न सरकारी विभागों में एडिशनल कमिश्नर से लेकर डीएम, एसडीएम, डायरेक्टर तक पोस्ट मिली। 

पीएम मोदी से ऐसे जुड़ा अटूट संबंध
अरविंद शर्मा अपने काम के लिए जाने जाते थे और पीएम मोदी के साथ उनके संबंधों की शुरूआत 2004 में हुई जब उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय बुलाकर सचिव बना दिया गया और बाद में प्रधान सचिव बनकर वो मुख्यमंत्री कार्यालय आ गए। इसके बाद जहां-जहां मोदी गए वहां-वहां शर्मा जी भी साथ रहे। गुजरात रहने के दौरान के अऱविंद शर्मा ने पीएम मोदी की दिलचस्पी वाले कई परियोजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जिसमें टाटा नैनो प्लांट के रास्ता साफ करना हो या फिर वाइब्रेंट गुजरात जैसे कार्यक्रम। ऐसे समय में जब अमेरिका ने नरेंद्र मोदी के वहां आने पर रोक लगा रखी थी, अरविंद शर्मा ही वो शख्स थे जो 2014 में अमरीकी राजदूत नैन्सी पावेल को गांधीनगर लेकर आए थे। शर्मा के बारे में यहां तक कहा जाता है कि जब-जब पीएम मोदी के लिए संकट पैदा हुआ तो अरविंद शर्मा ने समस्या का हल निकालकर संकटमोचक की भूमिका अदा की।

एक फोन और दिल्ली आए शर्मा जी
जब 2014 में जब चुनाव नतीजे आने के बाद तय हुआ कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन रहे हैं तो अगले दिन ही उन्होंने अरविंद शर्मा को फोन कर कहा कि आपको मेरे साथ दिल्ली चलना है। पीएम के रूप में शपथ लेने के चार दिन बाद अऱविंद शर्मा को पीएमओ में नियुक्ति पत्र मिल चुका था और उन्होंने संयुक्त सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया। बाद में उन्हें अतिरिक्त सचिव बनाया गया और कोरोना के दौर में लघु औऱ मध्य उद्योगों पर पड़ी मार के बाद पीएम ने उन्हें इस मंत्रालय यानि एमएसएमई में भेजकर सचिव बना दिया। अब अरविंद शर्मा गुजरात से दिल्ली होकर रिटायरमेंट के बाद लखनऊ पहुंच गए हैं। चर्चा तो ये भी हैं कि उन्हें यूपी का उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर