कुछ महीने पहले वायनाड में राहुल गांधी के ऑफिस में हुई तोड़-फोड़ के बाद बापू की तस्वीर तोड़ने के मामले में पुलिस ने कांग्रेस के ही चार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद से कांग्रेस इस मामले में बैकफुट पर नजर आ रही है।
गिरफ्तार किए गए कांग्रेसियों की पहचान वी नौशाद, के ए मुजीब, एस आर राहुल और के आर रतीश कुमार के रूप में हुई है। के आर रतीश कुमार राहुल के कार्यालय सहायक हैं। कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया है।
घटना 24 जून की है, जब सीपीएम छात्रसंघ एसएफआई के सदस्यों ने वायनाड में कांग्रेस सांसद के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। हाथापाई के दौरान, महात्मा गांधी का चित्र कार्यालय की दीवार से गिरा हुआ पाया गया था। जहां कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एसएफआई के लोगों ने चित्र को नुकसान पहुंचाया है, वहीं सीपीएम ने हमेशा इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था।
जब यह तोड़फोड़ हुई थी तब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा को बताया कि पुलिस ने उन सभी एसएफआई कार्यकर्ताओं को हटा दिया था, जो दोपहर करीब साढ़े तीन बजे राहुल गांधी के कार्यालय में घुस आए थे। उस समय जब एक पुलिस फोटोग्राफर ने घटना स्थल की तस्वीरें क्लिक कीं, तो गांधी की तस्वीर दीवार पर बरकरार थी।
आगे सीएम ने कहा था कि एसएफआई कार्यकर्ताओं को हटाए जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता कार्यालय के अंदर थे। बाद में शाम को, जब पुलिस फोटोग्राफर ने फिर से घटना स्थल की तस्वीरें लीं, तो बापू की तस्वीर क्षतिग्रस्त हालत में फर्श पर पड़ा मिला।
इस मामले को लेकर कांग्रेस और सीपीआईएम में जमकर वार-पलटवार दिखा था। राज्य में सत्तारूढ़ दल सीपीआईम ने इसके लिए हमेशा से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को ही जिम्मेदार ठहराया था। अब इस गिरफ्तारी के बाद से सीपीआईएम एक बार फिर से कांग्रेस पर हमलावर हो गई है तो वहीं कांग्रेस इन गिरफ्तारियों को राजनीति से प्रेरित बता रही है।
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