नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि बिलों को वापस लेने के बाद बयानबाजी तेज हो गई हैं। कांग्रेस ने जहां कृषि कानूनों को निरस्त करने को ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के अहंकार और दंभ की हार’’ बताया वहीं भाजपा का कहना है कि कानून वापसी का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उदार चरित्र को दर्शाता है। कानून वापसी को लेकर टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर एवं टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ खास बातचीत की और कई सवाल पूछे।
कानून वापसी को लेकर जब बघेल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'ये कानून लाने की आवश्यकता थी ही नहीं, इसे चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया नहीं थोपा गया था। लगातार किसान संगठनों और राहुल गांधी द्वारा इसका विरोध किया गया। राजनीतिक संगठन और किसान संगठन लगातार विरोध में थे। करीब 700 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और कई लोग जेल में हैं। इसके बावजूद भी सरकार ने इन आंदोलनकारियों को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कभी आतंकवादी कहा, कभी पाकिस्तानी समर्थक, कभी चीनी समर्थनक, कभी आंदोलनजीवी कहते थे लेकिन किसान अपनी लड़ाई पर डटी रही और उसका फल मिला।'
बघेल ने कहा कि हिमाचल और अन्य राज्यों के उपचुनावों से जो रिजल्ट आए हैं, उसकी वजह से मंहगाई भी कम की और आंदोलन देशव्यापी हो रहा है जिस वजह से सरकार ने यूटर्न लिया। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा। असली फायदा तब होगा जब एमएसपी लागू होगा। बघेल ने कहा पंजाब में बीजेपी का कोई आधार नहीं है और उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बनाएगी तथा यूपी में चौंकाने वाले नतीजे आएंगे। बघेल ने कहा कि 14 महीने कानून पर अड़े रहने और किसानों को बदनाम करने के बाद #BJP ने कुल्हाड़ी में पैर मार दिया है।' बघेल के साथ यह पूरा इंटरव्यू आप यहां देख सकते हैं।
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