Friendship Day 2022: अटूट होता है दोस्ती का रिश्ता, जानिए PM नरेंद्र मोदी के खास मित्र अब्बास और अम्बालाल के बारे में   

देश
आलोक राव
Updated Aug 07, 2022 | 06:19 IST

Narendra Modi childhood friends : पुरानी यादों को ताजा करते हुए प्रधानमंत्री ने ब्लाग में अपनी माता हीराबेन मोदी की मानवता के मूल्यों का परिचय कराया। पीएम ने लिखा कि उनकी मां को दूसरे की खुशियों में प्रसन्नता मिलती है। वे कहते हैं कि 'हमारा घर भले ही बहुत छोटा हो लेकिन मेरी मां की हृदय बहुत विशाल था।

 Friendship Day 2022: PM Narendra Modi childhood friends Abbas and ambalal Koshti
पीएम मोदी के बचपन के दोस्त। 

Friendship Day 2022 : आज मित्रता दिवस है। मित्रता दुनिया में सबसे सुंदर रिश्ते के रूप में जाना जाता है। जीवन के अलग-अलग दौर में दोस्त बनते हैं। बचपन, किशोर और युवा अवस्था से गुजरते हुए व्यक्ति अपने जीवन में कई दोस्त बनाता है। इस संबंध में खून का रिश्ता नहीं होता लेकिन यह अटूट होता है। यह रिश्ता एक दूसरे के सुख-दुख में भागी होते हुए वास्तविकता के धरातल पर पनपता है। यह लाभ-हानि, फायदा-नुकसान से परे पवित्र होता है। दुनिया में 30 जुलाई को इस रिश्ते को 'फेंड्सशिप डे' यानि मित्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। हालांकि, कई देशों में इसे अगस्त के पहले रविवार को मनाने की परंपरा रही है। भारत में भी इसे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। 

आज यहां हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती और उनके खास दोस्तों के बारे में चर्चा करेंगे। गुजरात के वडनगर के एक गरीब परिवार में जन्मे नरेंद्र मोदी दूसरी बार पीएम बने हैं। उनके जीवन की विकास यात्रा लंबी है। बचपन से लेकर राष्ट्राध्यक्ष बनने तक उनके कई मित्र बने। यहां हम उनके कुछ बचपन एवं पीएम के रूप में उनके दोस्तों का जिक्र करेंगे। नरेंद्र मोदी की बचपन के मित्रों की अगर बात करें तो सबसे पहले अब्बास का नाम आता है। अब्बास से अपनी दोस्ती के बारे में पीएम मोदी ने खुद बताया। अपनी माता हीराबेन की 100वी जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने जून 2022 के अपने एक ब्लॉग अपने दोस्त अब्बास का जिक्र किया। 

पुरानी यादों को ताजा करते हुए प्रधानमंत्री ने ब्लाग में अपनी माता हीराबेन मोदी की मानवता के मूल्यों का परिचय कराया। पीएम ने लिखा कि उनकी मां को दूसरे की खुशियों में प्रसन्नता मिलती है। वे कहते हैं कि 'हमारा घर भले ही बहुत छोटा हो लेकिन मेरी मां की हृदय बहुत विशाल था। मेरा पिता के एक दोस्त बगल के गांव में रहते थे। उनकी असमय मौत हो गई। मेरे पिता अपने दोस्त के बेटे अब्बास को लेकर घर आए और कहा कि वह हमारे साथ रहेगा। अब्बास हमारे साथ घर में रहते हुए पढ़ाई की। मेरी मां अब्बास की देखभाल ठीक वैसा ही करती थीं जैसा कि वह हमलोगों का करती थीं। हर साल ईद के मौके पर वह उसकी पसंद का पकवान बनाती थीं। त्योहारों के मौकों पर आस-पास के रहने वाले सभी बच्चे हमारे घर आते थे और मां के बनाए हुए पकवान का आनंद उठाते थे।'

अब्बास के बारे में पीएम मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी का कहना है कि वह हमारे साथ रहता था, पढ़ता था। वह क्लास 2 सर्विस से रिटायर हुआ। बताया जाता है कि अब्बास रिटायर होने के बाद अपने बेटे के साथ विदेश में रहते हैं। 

पीएम मोदी के एक ऐसे ही बचपन के मित्र हैं अहमदाबाद के अंबालाल कोष्टि। अंबालाल का दावा है कि यही एक मात्र व्यक्ति है जिन्होंने नरेंद्र मोदी को रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते हुए देखा है। रिपोर्टों के मुताबिक अम्बालाल का कहना है कि नरेंद्र मोदी जब 14-15 साल के थे तभी से उनका साथ रहा। उन्होंने कहा, 'मैं उस समय संघ का स्वयंसेवक और भारतीय जनसंघ में महामंत्री भी था। कैंटीन में हम ओह नरेंद्र भाई रोजाना चाय पीते थे। उस दौरान नरेंद्र भाई ने मुझसे कहा कि वह भी संघ में काम करना चाहते हैं। फिर मैं उन्हें संघ कार्यालय ले गया और उनसे कहा कि यहां पर आपको सभी काम करने पड़ेंगे। फिर वह हेडगेवार भवन में काम करने लगे। वह कार्यालय के सभी कार्य करते थे। कार्यालय में झाड़ू, बर्तन करने में उन्हें कोई झिझक नहीं हुई। आज कल्पना करना मुश्किल होता है कि सामान्य आदमी इतनी ऊंचाई तक भी पहुंच सकता है।' अंबालाल जी कहते हैं कि अहमदाबाद स्थित भाजपा कार्यालय से ही नरेंद्र भाई ने लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा और मुरली मनोहर जोशी की यात्राओं का कार्यक्रम बनाया। 

पीएम मोदी अपने व्यक्तित्व एवं मिलनसारिता की छाप दुनिया भर के नेताओं पर छोड़ते आए हैं। कुछ नेताओं के साथ उनकी 'पर्सनल केमेस्ट्री' बहुत अच्छी मानी जाती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जापान के पूर्व पीएम (दिवंगत) शिंजो आबे, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम टोनी एबोट, इजरायल के पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्याहू, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो के साथ उनकी दोस्ती एवं व्यक्तिगत संबंध सुर्खियां बटोरती रही हैं। इन नेताओं में भी शिंजो आबे के साथ पीएम की मित्रता बहुत गहरी थी। 

आबे के निधन पर पीएम मोदी ने ब्लॉग लिखा। इस ब्लॉग की शीर्षक उन्होंने दिया, 'मेरे मित्र शिंजो आबे...'। आबे के साथ अपनी मित्रता का जिक्र करते हुए पीएम ने लिखा, 'शिंजो आबे न सिर्फ जापान की एक महान विभूति थे, बल्कि विशाल व्यक्तित्व के धनी एक वैश्विक राजनेता थे। भारत-जापान की मित्रता के वे बहुत बड़े हिमायती थे। बहुत दुखद है कि अब वे हमारे बीच नहीं हैं। उनके असमय चले जाने से जहां जापान के साथ पूरी दुनिया ने एक बहुत बड़ा विजनरी लीडर खो दिया है, तो वहीं मैंने अपना एक प्रिय दोस्त…। आज उनके साथ बिताया हर पल मुझे याद आ रहा है। चाहे वो क्योटो में ‘तोज़ी टेंपल’ की यात्रा हो, शिंकासेन में साथ-साथ सफर का आनंद हो, अहमदाबाद में साबरमती आश्रम जाना हो, काशी में गंगा आरती का आध्यात्मिक अवसर हो या फिर टोक्यो की ‘टी सेरेमनी’, यादगार पलों की ये लिस्ट बहुत लंबी है। '  

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